रांची : नये निदेशक डॉ राजकुमार के लिए रिम्स को व्यवस्थित करने की राह आसान नहीं है. पेइंग वार्ड में सुविधाएं बढ़ा कर सही तरीके से उसका संचालन कराना व क्षेत्रीय नेत्र रोग संस्थान शुरू करना उनके लिए चुनौती होगी. ज्ञात हो कि 16 करोड़ से तैयार 100 बेड के पेइंग वार्ड में सामान्य मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहा है. क्योंकि, वार्ड के लिए डाॅक्टर और नर्स नहीं हैं. पूर्व के दो निदेशकों ने इसे संचालित करने का प्रयास किया, लेकिन प्रर्याप्त डॉक्टर, नर्स और मैन पावर की नियुक्ति कराने में असफल रहे. फिलहाल पेइंग वार्ड के प्रथम तल्ला पर 25 बेड की डायलिसिस यूनिट संचालित की जा रही है. शेष चार फ्लोर के सभी कमरे बंद हैं. गौरतलब है कि पेइंग वार्ड में 1,000 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मरीजों को निजी अस्पताल की तरह सुविधा उपलब्ध कराना था.
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