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वहीं, मामले में मृतक के भाई मोहम्मद मुख्तार ने सदर थाने में किडनी निकालने का शक जाहिर करते हुए लिखित शिकायत की है. सदर थाना पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेज दिया है. पुलिस ने मेडिकल बोर्ड गठित कर पोस्टमार्टम कराने की अनुशंसा की है.
पोस्टमार्टम के दौरान वीडियोग्राफी करने का भी अनुरोध किया गया है. पुलिस का कहना है कि परिजन बिना पोस्टमार्टम कराये शव अपने साथ ले जाना चाहते थे, लेकिन किडनी चोरी का आरोप लगाया है. वहीं, मृतक सड़क दुघर्टना में घायल होकर अस्पताल मेें भर्ती हुआ था, इसलिए पोस्टमार्टम जरूरी है. रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी.
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क्या है मामला : मोहम्मद मुख्तार ने बताया कि उसका भाई सड़क दुघर्टना मेें घायल हो गया था. सिर में चोट लगने की वजह से सैम्फोर्ड अस्पताल में 18 सितंबर की सुबह भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों ने बताया कि सिर में गंभीर चोट है, जिससे ब्रेन हैम्ब्रेज हो गया है. रविवार की दोपहर में भाई की मौत हो गयी. अस्पताल में करीब 36 घंटे तक इलाज चला. ऑपरेशन के लिए 1.60 लाख रुपये लिये गये. वहीं, दो दिन में 2.70 लाख रुपये का बिल दिया गया. परिजनों का आरोप- सिर में लगी थी चोट, पेट का किया गया ऑपरेशन
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मृतक के भाई मुख्तार ने सदर थाने में किडनी निकाले जाने के शक में लिखित शिकायत की
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पुलिस ने रिम्स भेजा शव, मेडिकल बोर्ड की देखरेख में पोस्टमार्टम करने की अनुशंसा की गयी
मरीज के सिर में चोट लगने पर परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया था. मरीज के सिर में ज्यादा चोट लगने से सेरेब्रल इडिमा हो गया था, जिसका ऑपरेशन बेहद जरूरी था. सिर के स्कल बोन को बोन बैंक में रखा गया है, जिसका उपयोग दूसरी सर्जरी में किया जाता.
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सूई से पेट में मार्किंग की गयी थी, चीरा नहीं लगाया गया था. इसी दौरान मरीज की मौत हो गयी. किडनी निकालने का आरोप पूरी तरह निराधार है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सब स्पष्ट हो जायेगा. मरीज के परिजनों को 50 हजार रुपये की छूट भी दी गयी.
-डॉ घनश्याम सिंह, मेडिकल डायरेक्टर, सैम्फोर्ड अस्पताल
Post by : Pritish Sahay