आस्था का केंद्र खलारी. आस्था और विश्वास का प्रतीक खलारी का प्रसिद्ध पहाड़ी मंदिर में सावन माह में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ती है. पवित्र श्रावण माह में शिवलिंग में जल चढ़ाने व पूजा-अर्चना के लिए सैंकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. सावन माह के खास कर सोमवार को भगवान शिव की आराधना के लिए कतार में शिव भक्तों की लाइन लगी रहती है. सावन को लेकर मंदिर को विद्युतीय सज्जा की गयी है. उल्लेखनीय है कि करीब दस दशक पूर्व खलारी स्थित एसीसी कंपनी ने इस मंदिर का आरंभिक निर्माण कराया था. जानकारी अनुसार एसीसी ने कारखाना के लिए रेल लाइन बिछाने के क्रम में जमीन के अंदर से एक बड़े पत्थर पर बजरंग बली की आकृति मिली थी. मंदिर में बजरंग बली की वही प्रतिमा है. जिसे धीरे-धीरे मंदिर को एक भव्य रूप दे बदल दिया गया. पहाड़ी मंदिर में बजरंग बली के अलावा शिवालय तथा मां दुर्गा की प्रतिमा भी स्थापित है. पहाड़ी मंदिर खलारी की खास बात यह है कि जो कोई इस मंदिर में आया उसकी बजरंग बली के प्रति श्रद्धा बढ़ गया. खलारी क्षेत्र के पहाड़ी मंदिर में विराजमान बजरंग बली की महिमा तो अपरंपार है ही, इस मंदिर का वर्तमान स्वरूप भी लोगों को आकर्षित करता है. पहाड़ी मंदिर खलारी के आसपास इलाके के काफी मशहूर है. दूर-दराज के लोग सालों भर पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते है.
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