रांची : लॉकडाउन के कारण सबसे ज्यादा परेशानी थैलेसीमिया व सिकल सेल एनिमिया से पीड़ित बच्चों को हो रही है. दवा व ब्लड ट्रांसफ्यूजन नहीं होने से उनकी परेशानी बढ़ गयी है. विशेषज्ञों की मानें, तो हर 15 से 20 दिन के अंतराल पर थैलेसीमिया व सिकल सेल एनिमिया के बच्चाें को दवा व ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत पड़ती है. लॉकडाउन के कारण वाहनों का परिचालन बंद है. इस कारण कई पीड़ित बच्चे विभिन्न जिलों से रिम्स व सदर अस्पताल के डे-केयर सेंटर नहीं पहुंच पा रहे हैं. वहीं, कुछ लोग अपनी बाइक व स्कूटर से 100 किमी की दूरी तय कर बच्चे को दिखाने और दवा व ब्लड ट्रांसफ्यूजन कराने रिम्स पहुंच रहे हैं.
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