गुरुजी के आवास में लगा रहा तांता, सभी आम और खास ने नम आंखों से किया विदा

दिशोम गुरु शिबू सोरेन के अंतिम दर्शन के लिए उनके मोरहाबादी स्थित आवास पर सुबह से ही लोगों का तांता लगा रहा.

By PRAVEEN | August 6, 2025 12:37 AM
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रांची. दिशोम गुरु शिबू सोरेन के अंतिम दर्शन के लिए उनके मोरहाबादी स्थित आवास पर सुबह से ही लोगों का तांता लगा रहा. सुबह छह बजे से ही लोग अपने नेता को श्रद्धांजलि देने आवास पहुंचने लगे थे. आवास के अहाते में रखे गुरुजी के पार्थिव शरीर पर फूल चढ़ा नम आंखों से दिशोम गुरु को विदा किया. गुरुजी के आवास पर पहुंच कर श्रद्धांजलि देने वालों में विभिन्न दलों के नेता, कार्यकर्ता, अफसर और आम लोग शामिल थे. हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध व आदिवासी धर्मगुरु भी गुरुजी के अंतिम दर्शन को पहुंचे थे. कांग्रेस विधायक अनूप सिंह और झामुमो महासचिव विनोद पांडेय व्यवस्था संभाल रहे थे. पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन, मंत्री सुदिव्य कुमार, लोकसभा सांसद पप्पू यादव, राज्यसभा सांसद संजय सिंह, पूर्व सांसद फुरकान अंसारी, महाधिवक्ता राजीव रंजन, डीजीपी अनुराग गुप्ता, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, जेपीएससी के अध्यक्ष एल खियांग्ते, सदस्य डॉ अनिमा हांसदा, अजीता भट्टाचार्य, टीआरआइ के पूर्व निदेशक डॉ प्रकाश उरांव, संत जेवियर्स स्कूल के पूर्व प्राचार्य फादर अजीत खेस, मारवाड़ी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रो जावेद अहमद, जेएससीए के अध्यक्ष अजयनाथ शाहदेव, उपाध्यक्ष संजय पांडेय, सचिव सौरभ तिवारी, साधु संत समाज के सौम्य मिश्र समेत बड़ी संख्या में गणमान्य लोगों ने गुरुजी को श्रद्धांजलि दी. सुबह लगभग 10 बजे गुरुजी अमर रहें के उद्घोष के बीच उनके दोनों पुत्र मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विधायक बसंत सोरेन अंतिम यात्रा लेकर आवास से निकले.

फफक पड़े चंपाई

पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन गुरुजी को श्रद्धांजलि देने आवास पहुंचे थे. चंपाई गुरुजी के पार्थिव शरीर पर फूल चढ़ा कर फफक पड़े. उनके आंसू नहीं रुक रहे थे. आस-पास खड़े लोग के ढाढ़स बंधाने का भी कोई असर नहीं हो रहा था. वह काफी देर तक गुरुजी के पास ही खड़े रहे. बाद में कांग्रेस विधायक अनूप सिंह श्री सोरेन को साथ लेकर आवास के अंदर चले गये.

टाना भगत भी पहुंचे

कोई वीडियो बना रहा था, कोई तस्वीर उतार रहा था

गुरुजी के अंतिम दर्शन के लिए आवास पहुंचने वाले लोगों में बड़ी संख्या आम आदमी की थी. अपने नेता को अंतिम बार देखने के लिए पहुंचने वाले लोग गुरुजी की याद अपने साथ रखना चाहते थे. हर हाथ में फोन था. कोई वीडियो बना रहा था, तो कोई तस्वीर उतार रहा था. कई लोग रील बनाते भी दिखायी दिये.

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