200 केवीए प्लांट की लागत करीब 2.24 करोड़
बता दें कि साल 2016 में रिम्स अस्पताल के मुख्य भवन में प्लांट लगाया गया था. इस 200 केवीए प्लांट की लागत करीब 2.24 करोड़ थी. वहीं, प्लांट के लिए यूपीएस व बैटरी की जगह बेसमेंट में दी गयी थी, जहां प्राय: पानी भरा हुआ रहता है. साथ ही रिम्स प्रशासन द्वारा इसी बेसमेंट में कूड़ा भी फेंका जाता था. इससे गेट पूरी तरह बंद हो गया.
मेंटेनेंस के लिए भी सफाईकर्मी भी नहीं जा पा रहे
ऐसे में वहां साफ सफाई और मेंटेनेंस के लिए भी सफाईकर्मी भी नहीं जा पा रहे थे. अब स्थिति यह हो गयी है कि प्लांट की बैटरी जमा हो गये पानी के कारण सड़ गयी. लगभग छह महीने पहले ही यह प्लांट पूरी तरह से बंद हो गया है. हालांकि, वर्ष 2016 में बने इस प्लांट का सोलर मॉडयूल अभी अच्छी स्थिति में है.
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150 केवीए का नया प्लांट भी लगेगा
इस मामले में बातचीत के क्रम में जेरेडा के अधिकारियों ने बताया कि इसके रखरखाव के लिए टेंडर किया जा रहा है. अब नयी कंपनी इसका रखरखाव करेगी, लेकिन इसके पहले रिम्स में अलग जगह खोजी जा रही है. साथ ही यह भी बताया गया कि रिम्स परिसर में ही 150 केवीए क्षमता के नये सोलर पावर प्लांट भी लगाये जाने की बात कही जा रही है.