यूजीसी ने जारी की गाइडलाइन, विद्यार्थियों को रोजगार से जोड़ना है उद्देश्य
एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स में 10 अंक भी मिलेंगे, इसी साल से होगा लागू
इंस्टीट्यूट, विद्यार्थियों और इंडस्ट्री के बीच होगा त्रिपक्षीय समझौता
बता दें कि इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार शैक्षणिक संस्थानों, विद्यार्थियों और संबंधित इंडस्ट्री के बीच त्रिपक्षीय समझौता होगा. इस समझौते में तीनों पक्षों की जिम्मेदारियां तय की जायेंगी. अप्रेटिसशिप की सीटें तय करने के लिए स्वतंत्र होगा शैक्षणिक संस्थान. बताते चलें की यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार उच्च शिक्षण संस्थानों को अप्रेंटिसशिप के लिए सीटों की संख्या तय करने का अधिकार दिया गया है. इसमें उच्च शिक्षण संस्थान इंडस्ट्री में मौजूद सुविधाओं और इन्फ्रास्ट्रक्चर के आधार पर अप्रेंटिसशिप के लिए सीटों की संख्या तय करेंगे.इंडस्ट्री और केंद्र सरकार देगी स्टाइपेंड
बता दें कि इसके लिए शैक्षणिक संस्थानों को लेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम के पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा. इसके लिए केंद्र सरकार से स्टाइपेंड मिलेगा. वहीं इंडस्ट्री के साथ अप्रेंटिसशिप एम्बेडेड प्रोग्राम (एइडीपी) ऑफर करने पर इडस्ट्री भी स्टाइपेंड देगी.
नौकरी मिली, या नहीं : प्रत्येक छात्र की होगी मॉनिटरिंग
गौरतलब है कि जब विद्यार्थियों की अप्रेंटिसशिप पूरी हो जायेगी, तो इसके बाद एक ट्रेनिंग रिपोर्ट तैयार की जायेगी. इसमें यह जानकारी देनी होगी कि अप्रेंटिसशिप के बाद विद्यार्थी को नौकरी मिली, या नहीं. इस फॉलोअप की जिम्मेदारी शैक्षणिक संस्थानों की होगी. फॉलोअप के लिए हर छात्र की मॉनिटरिंग की जायेगी.
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