दोनों ही धाराओं में अलग-अलग एक लाख रुपये जुर्माना अथवा एक वर्ष कारावास की सजा तथा 5000 रुपये जुर्माना या छह माह कारावास की सजा का प्रावधान है. इस अपराध की पुनरावृत्ति करने पर धारा-291 और धारा-268 के तहत भी कार्रवाई की जायेगी. इसके तहत ट्रैफिक पुलिस मुकदमा चलाने के लिए न्यायालय से अनुरोध करेगी. जब्त सामान को न्यायालय में साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत भी किया जायेगा. ट्रैफिक पुलिस ने धारा-291 के तहत नोटिस का ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया है.
यह नोटिस छपने के बाद ट्रैफिक थाना प्रभारी चिह्नित किये गये गैरेज और सामान बेचनेवाले को यह नोटिस देगी.
ट्रैफिक पुलिस की पहल
सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि ध्वनि प्रदूषण करनेवालों पर कार्रवाई जरूरी है. लोग अत्यधिक आवाज के लिए वाहन के साइलेंसर में बदलाव करते हैं या किट लगाते हैं, जिससे ध्वनि प्रदूषण की संभावना बढ़ जाती है. ट्रैफिक पुलिस ने इस गतिविधि को रोकने की दिशा में पहल शुरू कर दी है. ऐसे लोगों पर कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी, जो वाहन को मॉडिफाई करते हैं और उससे संबंधित सामान बेचते हैं.
-अजीत पीटर डुंगडुंग, ट्रैफिक एसपी
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