राजधानी में बीते दिनों से हो रही झमाझम बारिश ने रांची नगर निगम, रिम्स प्रबंधन और आम लोगों की लापरवाही को उजागर कर दिया है. रिम्स कैंपस के मेन गेट पर थोड़ी सी बारिश से ही जलजमाव हो जाता है. साथ ही वहां से पानी निकलने का कोई साधन भी नहीं है, इससे पैदलयात्रियों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही, मेन गेट के पास सड़क में इतनी बड़ी दरार आ गयी है कि लोग वहां आए दिन अपना संतुलन खोटे हुए नजर आ जाते है.
आपातकाल सेवा में लोगों की जल्दीबाजी समझी जा सकती है. लेकिन रिम्स ट्रामा सेंटर के बाहर सड़क की स्थिति ऐसी है कि अगर गाड़ी चलाते समय किसी ने जल्दबाजी की तो वह हाडसे का शिकार हो सकता है. वहीं, रिम्स तालाब के पास पानी का जलजमाव इतना अधिक हो चुका है कि लोग पैदल आना-जाना नहीं कर सकते. अगर उन्हें रास्ता पार करना है तो घुटने भर पानी में डूबकर जाना ही पड़ेगा. लोग समय तौर पर दुविधा में पड़ जा रहे है कि तालाब सड़क के किनारे है या सड़क पर.
इस बारिश ने रांची नगर निगम, रिम्स प्रबंधन की प्रतिबद्धता और आम लोगों की जागरूकता पर बड़े सवाल खड़े किये है. सही ड्रेनेज सिस्टम, अपने परिसर की परेशानी के समाधान के लिए जरूरी कदम उठाना और नालियों में प्लास्टिक या अन्य कचरे फेंकने से आम लोगों को हो रही इस परेशानी को झेलना नहीं पड़ता. लेकिन जहां एक ओर बारिश ने सबके चेहरों पर खुशी लाई है वहीं इस रास्ते से गुजरने वाले चेहरों पर बारिश की वजह से शिकन है. ऐसे में ऐसी स्थिति से निपटने के लिए क्या कुछ जरूरी कदम है, इसपर विचार कर इसे ठीक की जरूरत है.