Aligarh News: अलीगढ़ के बरला कस्बे में हुई इस खौफनाक वारदात ने रिश्तों की बुनियाद पर सवाल खड़े कर दिए हैं. सुरेश कुमार, जो दिल्ली में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर अपने परिवार की ज़रूरतें पूरी करता था, उसे उसी की पत्नी बीना और उसके प्रेमी मनोज ने मौत के घाट उतार दिया. ये हत्या एक सोची-समझी साजिश थी, जिसमें मासूमियत की आड़ में एक महिला ने रिश्तों के हर मर्यादा को तोड़ते हुए अपने पति की हत्या करवा दी.
बीना ने बच्चों के बहाने मांगे पैसे, उसी से खरीदा हथियार
बीना ने सुरेश से यह कहकर पैसे लिए थे कि उसे बच्चों के लिए स्कूल के नाश्ते का सामान खरीदना है. सुरेश, जो हर बार अपने बच्चों की ज़रूरतों के लिए पैसे भेजता था, इस बार भी अपनी ज़िम्मेदारी निभा गया. मगर उसे नहीं पता था कि उन्हीं रुपयों से बीना उसके लिए मौत खरीद रही है. बीना ने उसी पैसे से अपने प्रेमी मनोज के जरिए कट्टा और कारतूस की खरीदारी की, और कुछ ही दिनों में अपने पति की हत्या करा दी.
पुलिस पूछताछ में खुला बड़ा राज, प्रेमी का दोस्त ही था हथियार सप्लायर
पूछताछ के दौरान जब बीना से पूछा गया कि हत्या में इस्तेमाल हुआ तमंचा कहां से आया, तो पहले वह गुमराह करती रही. कभी बोली कि वह सुरेश का ही था, कभी बात टालने लगी. लेकिन जब पुलिस ने सख्ती दिखाई तो उसने और मनोज ने पूरी सच्चाई उगल दी. पता चला कि बीना ने जो तमंचा खरीदा, वह मनोज के एक दोस्त से लिया गया था. पुलिस ने अब उस सप्लायर की पहचान कर ली है और जल्द उसकी गिरफ्तारी की जाएगी.
प्यार में अंधी पत्नी ने तोड़ा भरोसा, सुरेश को थी पत्नी से उम्मीदें
सुरेश को कई बार गांव वालों और रिश्तेदारों से पता चला था कि उसकी पत्नी का मनोज से संबंध है. मगर सुरेश ने कभी घर में झगड़ा नहीं किया, न बीना पर हाथ उठाया. उसने प्रेम, समझदारी और भरोसे से रिश्ता निभाने की कोशिश की. बीना ने भी कई बार सुरेश को भरोसा दिया कि अब वह मनोज से कोई रिश्ता नहीं रखेगी. लेकिन यह सब एक झूठी कहानी निकली, जिसने आखिर में सुरेश की जान ले ली.
दिल्ली घुमाने की बना रहा था योजना, नहीं जानता था मौत साथ चल रही है
सुरेश की प्लानिंग थी कि इस बार वह अपने पूरे परिवार को दिल्ली घुमाने ले जाएगा. वह बच्चों और पत्नी के साथ कुछ अच्छा समय बिताना चाहता था. लेकिन इस प्यार और उत्साह से भरे सपने की जगह उसे एक खौफनाक साजिश मिली. बीना ने पहले ही अपने प्रेमी से मिलकर तय कर लिया था कि जब सुरेश घर आएगा, तो उसकी हत्या कर दी जाएगी.
थाना स्तर पर विवाहेत्तर विवाद दर्ज करने को बनाया जाएगा अलग रजिस्टर
इस दिल दहला देने वाली वारदात के बाद पुलिस प्रशासन अब हरकत में आ गया है. एसपी देहात अमृत जैन ने थानों को निर्देश दिए हैं कि वे अब ऐसे मामलों के लिए एक विशेष रजिस्टर बनाएं, जिसमें पति-पत्नी के बीच विवाहेत्तर संबंधों से जुड़े विवाद दर्ज हों. खासतौर पर तब, जब पति अपनी पत्नी के किसी अन्य व्यक्ति से रिश्ते को लेकर खतरा या आशंका जताए. रजिस्टर की मदद से पुलिस न सिर्फ काउंसलिंग कर पाएगी, बल्कि समय रहते निगरानी और रोकथाम भी कर सकेगी.
मासूम बच्चों के लिए सामने आया गांव का प्रधान, की सराहनीय घोषणा
इस हादसे में तीन मासूम बच्चे नीतेश, पुनीत और रोशनी—बिलकुल अकेले हो गए हैं. न मां रही न पिता। गांव के प्रधान दिनेश कुमार ने थाने में इन बच्चों की जिम्मेदारी उठाने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि तीनों बच्चे अब उनके घर में रहेंगे और उनका पालन-पोषण सुरेश के भाई की निगरानी में होगा. बच्चों की पढ़ाई, खानपान, स्वास्थ्य और भविष्य की सारी जिम्मेदारी प्रधान ने खुद ली है. साथ ही बेटी रोशनी के नाम 50,000 रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट कराने की बात कही.
प्रेमी से बात करने के लिए था अलग मोबाइल, सूटकेस में छुपा रखा था
पुलिस जांच में बीना के पास दो मोबाइल होने की बात सामने आई. जब उससे सवाल किए गए तो वह टालमटोल करती रही. लेकिन जब पुलिस ने दबाव बढ़ाया, तब जाकर उसने सूटकेस में छुपा मोबाइल दिखाया. यह मोबाइल उसे प्रेमी मनोज ने ही दिया था, जिससे वह चोरी-छिपे बात किया करती थी. बीना का यह दोहरा जीवन अब पूरी तरह बेनकाब हो चुका है.
मनोज ने गोली मारी, तमंचा लेकर थाने में किया आत्मसमर्पण
वारदात के दिन सुरेश घर के बाहर चबूतरे पर मोबाइल चला रहा था. तभी मनोज अचानक आया और तमंचे से सुरेश के सीने पर गोली चला दी. सुरेश की मौके पर ही मौत हो गई. सुरेश के भाई विजय ने मनोज को पकड़ने की कोशिश की तो उस पर भी मनोज ने गोली चला दी, जिससे विजय के कान पर छर्रे लगे और वह घायल हो गए. इसके बाद मनोज तमंचा लेकर सीधे थाने गया और आत्मसमर्पण कर दिया.
आठ साल पुराने रिश्ते ने छीना पिता का साया
बीना और मनोज के बीच यह अवैध संबंध कोई नया नहीं था. करीब आठ साल से दोनों एक-दूसरे के संपर्क में थे. इस रिश्ते को लेकर सुरेश के परिवार ने कई बार विरोध जताया, लेकिन दोनों पर कोई असर नहीं हुआ. उन्होंने तो साथ रहने की ठान ली थी. अब इस रिश्ते ने तीन बच्चों से उनका पिता छीन लिया और एक बसा-बसाया परिवार उजाड़ दिया. पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और अब उन्हें कड़ी सजा दिलाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.
यह घटना हमारे समाज को आइना दिखाती है कि किस तरह विश्वासघात, अवैध रिश्ते और झूठे प्यार का अंत हमेशा विनाशकारी होता है. सुरेश जैसे लाखों लोग अपने परिवार की परवरिश के लिए दूर शहरों में पसीना बहाते हैं, लेकिन जब घर लौटते हैं तो उन्हें धोखा और मौत मिलती है. यह केवल एक हत्या नहीं, एक भावनात्मक नरसंहार है, जिसने तीन मासूमों से उनका भविष्य छीन लिया. अब समाज, कानून और प्रशासन की यह जिम्मेदारी बनती है कि ऐसे मामलों की गहराई से निगरानी की जाए और समय रहते कदम उठाए जाएं.
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