हाइकोर्ट: सीपीएफ के बदले पेंशन योजना का विकल्प न चुनने वाले पेंशन के हकदार नहीं होंगे
ALLAHABAD HIGH COURT: इलाहाबाद हाइकोर्ट का यह मामला बीएचयू के ऐसे शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक कर्मचारियों से जुड़ा है, जो सीपीएफ के तहत लाभ ले रहे थे. ये एक मई 1987 के कार्यालय ज्ञापन के तहत पेंशन योजना में शामिल होने का विकल्प नहीं चुन पाए थे. अखौरी सुधीर सिन्हा के अधिवक्ता का तर्क था कि 2013 में समान स्थिति वाले सुशील कुमार सिंह को पेंशन योजना का लाभ दिया गया है. याची की नियमित नियुक्ति 1990 में हुई थी. उन्हें विकल्प चुनने की जरूरत ही नहीं थी, लिहाजा वह पेंशन के हकदार हैं. वहीं, प्रो. हरीश चंद्र चौधरी, प्रो. अजय कुमार सिंह व 25 अन्य शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक कर्मचारियों ने तय समय सीमा में पेंशन योजना में शामिल होने का विकल्प नहीं चुना था. इलाहाबाद हाईकोर्ट की एकल पीठ ने यह कहते हुए इनकी याचिका खारिज कर दी थी कि विवि प्रशासन को समय सीमा बढ़ाने का कोई अधिकार नहीं है. एकल पीठ के इस आदेश को सभी ने मिलकर खंडपीठ में चुनौती दी थी.
By Abhishek Singh | May 10, 2025 2:46 PM
ALLAHABAD HIGH COURT: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह बताया कि 1987 के ज्ञापन के अनुसार, निर्धारित समय में अंशदाई भविष्य निधि (सीपीएफ) के बदले पेंशन योजना में शामिल होने का विकल्प न चुन पाने वाले कर्मचारी अब पेंशन के हकदार नहीं हैं. 1986 के बाद से नियुक्त हुए कर्मचारी को पेंशन योजना का लाभ दिया जा सकता है, बशर्ते वे सीपीएफ के तहत मिली धनराशि आठ फीसदी प्रतिवर्ष के ब्याज दर संग दो माह में वापस कर दें.
यह आदेश इलाहाबाद हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति पीके गिरि की अदालत ने बीएचयू के कर्मचारी अखौरी सुधीर कुमार सिन्हा की विशेष अपील स्वीकार करते हुए और प्रो. हरीश चंद्र चौधरी, प्रो. अजय कुमार सिंह व 25 अन्य लोगों की याचियों अपील को खारिज करते हुए दिया है.
बीएचयू के शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक कर्मचारियों का है मामला
यह मामला बीएचयू के ऐसे शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक कर्मचारियों से जुड़ा है, जो सीपीएफ के तहत लाभ ले रहे थे. ये एक मई 1987 के कार्यालय ज्ञापन के तहत पेंशन योजना में शामिल होने का विकल्प नहीं चुन पाए थे. अखौरी सुधीर सिन्हा के अधिवक्ता का तर्क था कि 2013 में समान स्थिति वाले सुशील कुमार सिंह को पेंशन योजना का लाभ दिया गया है. याची की नियमित नियुक्ति 1990 में हुई थी. उन्हें विकल्प चुनने की जरूरत ही नहीं थी, लिहाजा वह पेंशन के हकदार हैं. वहीं, प्रो. हरीश चंद्र चौधरी, प्रो. अजय कुमार सिंह व 25 अन्य शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक कर्मचारियों ने तय समय सीमा में पेंशन योजना में शामिल होने का विकल्प नहीं चुना था. इलाहाबाद हाईकोर्ट की एकल पीठ ने यह कहते हुए इनकी याचिका खारिज कर दी थी कि विवि प्रशासन को समय सीमा बढ़ाने का कोई अधिकार नहीं है. एकल पीठ के इस आदेश को सभी ने मिलकर खंडपीठ में चुनौती दी थी. कोर्ट ने फिलहाल सुधीर कुमार सिन्हा की अपील स्वीकार कर ली बाकी अन्य विशेष अपीलें खारिज कर दी हैं.
UP News in Hindi उत्तर प्रदेश भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है, जहां 20 करोड़ से ज्यादा लोग रहते हैं. यह राज्य प्रशासनिक रूप से 75 जिलों और 18 मंडलों में बंटा हुआ है. इसकी राजधानी लखनऊ है. वर्तमान में यहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और योगी आदित्यनाथ लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद पर काबिज हैं. लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या, गोरखपुर, सीतापुर, इटावा, मथुरा, मुरादाबाद, मेरठ और बुलंदशहर जैसे शहर इसे पहचान देते हैं. देश की राजनीति में उत्तर प्रदेश की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है. अक्सर कहा जाता है कि देश की सत्ता का रास्ता यूपी से होकर ही जाता है. प्रदेश की हर बड़ी खबर सबसे पहले जानने के लिए जुड़े रहिए प्रभात खबर डिजिटल पर.