प्रभु राम के भाई के नाम पर अयोध्या में बनेगा पथ, खर्च होंगे इतने रुपये
Ayodhya News: भरतकुंड का रामकथा में विशेष महत्व है. मान्यता है कि यहीं भगवान राम के भाई भरत ने चौदह वर्षों तक तपस्या की थी. साथ ही राम के लौटने पर प्रभु श्रीराम ने इसी स्थान पर अपने पिता दशरथ का पिंडदान किया था.
By Shashank Baranwal | May 21, 2025 7:06 PM
Ayodhya News: राम मंदिर के उद्घाटन के बाद से राम नगरी अयोध्या का दिनों दिन विकास होता जा रहा है. इसी बीच योगी सरकार की ओर से अयोध्या को एक और प्रमुख पथ का तोहफा मिलने जा रहा है. राम पथ, भक्ति पथ और जन्म भूमि पथ के बाद अब “भरत पथ” का निर्माण किया जाएगा. यह पथ करीब 900 करोड़ रुपए की लागत से तैयार होगा. इस बात की जानकारी सीएमओ, यूपी की तरफ से दी गई.
धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
अयोध्या में बनने वाले भरत पथ की लंबाई लगभग 20 किलोमीटर होगी, जो कि विद्याकुंड से शुरू होकर दर्शननगर होते हुए भरतकुंड तक जाएगा. इस पथ के निर्माण से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और श्रद्धालुओं की यात्रा और भी सुगम हो जाएगी. भरत पथ का नाम प्रभु श्रीराम के भाई भरत के नाम पर रखा गया है, जिससे अयोध्या की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को और मजबूती मिलेगी. इस पथ का निर्माण कार्य जल्द ही प्रारंभ होने की संभावना है.
After 'Ram Path', 'Bhakti Path' and 'Janmabhoomi Path', now a 20 km long 'Bharat Path' will soon be built in Ayodhya. This will be built at an expense of Rs 900 Crores: Uttar Pradesh CMO
भरतकुंड का रामकथा में विशेष महत्व है. मान्यता है कि यहीं भगवान राम के भाई भरत ने चौदह वर्षों तक तपस्या की थी. साथ ही राम के लौटने पर प्रभु श्रीराम ने इसी स्थान पर अपने पिता दशरथ का पिंडदान किया था. यहां एक पौराणिक सरोवर भी स्थित है. प्रयागराज और पूर्वांचल से आने वाले श्रद्धालु भरतकुंड में दर्शन-पूजन के लिए पहुंचते हैं. श्रद्धालुओं की सुविधा और धार्मिक महत्त्व को देखते हुए इस मार्ग का नाम ‘भरत पथ’ रखा गया है.
UP News in Hindi उत्तर प्रदेश भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है, जहां 20 करोड़ से ज्यादा लोग रहते हैं. यह राज्य प्रशासनिक रूप से 75 जिलों और 18 मंडलों में बंटा हुआ है. इसकी राजधानी लखनऊ है. वर्तमान में यहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और योगी आदित्यनाथ लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद पर काबिज हैं. लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या, गोरखपुर, सीतापुर, इटावा, मथुरा, मुरादाबाद, मेरठ और बुलंदशहर जैसे शहर इसे पहचान देते हैं. देश की राजनीति में उत्तर प्रदेश की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है. अक्सर कहा जाता है कि देश की सत्ता का रास्ता यूपी से होकर ही जाता है. प्रदेश की हर बड़ी खबर सबसे पहले जानने के लिए जुड़े रहिए प्रभात खबर डिजिटल पर.