कथावाचक अपमान या चुनावी चाल? इटावा की घटना ने खोली सियासत की परतें

BJP Vs SP: इटावा में कथावाचक के अपमान मामले ने प्रदेश की राजनीति गर्मा दी है. सपा और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हैं. अखिलेश यादव ने भाजपा पर जातीय साजिश का आरोप लगाया, जबकि भाजपा ने सपा पर सामाजिक तनाव फैलाने का आरोप लगाया है.

By Abhishek Singh | June 28, 2025 5:23 PM
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BJP Vs SP: इटावा के बकेवर क्षेत्र में कथावाचक मुकटमणि यादव, संत सिंह यादव और उनके साथियों के अपमान का वीडियो सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में तूफान मच गया है. सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो के बाद विपक्षी दल खासकर समाजवादी पार्टी (सपा) ने सरकार को आड़े हाथों लेना शुरू कर दिया है. वहीं, सत्ताधारी भाजपा ने भी सपा पर जातीय नफरत फैलाने के आरोप मढ़ते हुए तीखा पलटवार किया है.

सपा प्रमुख ने जोड़ा पीडीए फॉर्मूले से, सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने इस पूरे घटनाक्रम को सीधे अपनी “पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक” (PDA) रणनीति से जोड़ा. उन्होंने पत्रकार वार्ता में कथावाचकों का सम्मान किया और आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार वर्चस्ववादी मानसिकता को बढ़ावा दे रही है. अखिलेश ने आरोप लगाया कि भाजपा जातीय व सामाजिक वर्चस्व की राजनीति के ज़रिए सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने का षड्यंत्र कर रही है.

अहीर रेजिमेंट उपद्रव से बढ़ा तनाव, सपा ने भाजपा पर साधा निशाना

इटावा में इंडियन रिफॉर्मर्स ऑर्गनाइजेशन और अहीर रेजिमेंट के समर्थकों द्वारा उपद्रव के बाद सपा ने तुरंत मोर्चा संभाल लिया. शुक्रवार को अखिलेश यादव ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर भाजपा को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा “प्लांटेड लोगों” को पड़ोसी राज्यों से लाकर प्रदेश में जातीय दरार पैदा कर रही है. इसे उन्होंने “घुसपैठिया राजनीति” करार दिया.

भाजपा ने बताया राजनीतिक साजिश, सख्त कार्रवाई की चेतावनी

दूसरी ओर भाजपा ने इटावा की घटना को सुनियोजित साजिश बताया और सपा को जातीय तनाव फैलाने का दोषी ठहराया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि जातीय संघर्ष को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने इसे सामाजिक शांति भंग करने का षड्यंत्र बताया.

डिप्टी सीएम ने साधा निशाना, ‘दूध में नींबू’ का इस्तेमाल

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सपा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि “अखिलेश यादव दूध में नींबू डालने का काम कर रहे हैं.” उन्होंने आरोप लगाया कि सपा इस घटना को ब्राह्मण बनाम यादव लड़ाई के रूप में प्रचारित कर समाज को जातिवादी ज़हर में बांट रही है. उन्होंने सपा पर अराजकता फैलाने और राजनीतिक लाभ के लिए जातीय टकराव भड़काने का आरोप लगाया.

पर्यटन मंत्री ने सपा पर लगाया भेदभाव का आरोप

पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने भी अखिलेश यादव की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने तथ्यों की जांच किए बिना सिर्फ जाति देखकर प्रतिक्रिया दी. मंत्री के अनुसार, इटावा की घटना संभवतः किसी धोखाधड़ी के विवाद से जुड़ी थी, लेकिन सपा ने जानबूझकर इसे जातीय रंग देकर सनातन धर्म के भीतर फूट डालने की कोशिश की है.

विधानसभा व पंचायत चुनाव की तैयारी में जुटे दलों को मिला नया मुद्दा

चुनावी मौसम में इस घटना ने राजनीतिक दलों को एक नया मुद्दा थमा दिया है. विधानसभा चुनाव की तैयारियों के साथ-साथ पंचायत चुनावों के मद्देनज़र सपा और भाजपा दोनों ही इस मामले को अपने-अपने एजेंडे के अनुरूप पेश कर रहे हैं. एक ओर भाजपा इसे सामाजिक समरसता और कानून-व्यवस्था का मुद्दा बना रही है, तो वहीं सपा इसे सामाजिक न्याय और पिछड़ों के सम्मान से जोड़ रही है.

राजनीति में गरमाया जातीय विमर्श, जनता हैरान

इस घटनाक्रम ने एक बार फिर से उत्तर प्रदेश की राजनीति में जातीय समीकरणों और पहचान की राजनीति को केंद्र में ला दिया है. सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या यह मुद्दा सत्ताधारी दल और विपक्ष की रणनीति का हिस्सा है या वास्तव में समाज में गहराई से मौजूद जातीय तनाव का संकेत?

इटावा अपमान प्रकरण धीरे-धीरे एक साधारण विवाद से निकलकर प्रदेश की राजनीति का संवेदनशील मुद्दा बन चुका है. इसमें न सिर्फ जातीय पहचान की राजनीति की झलक मिलती है, बल्कि यह भी दिखता है कि चुनाव से पहले हर मुद्दा किस तरह सियासी चश्मे से देखा और दिखाया जा रहा है.

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UP News in Hindi उत्तर प्रदेश भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है, जहां 20 करोड़ से ज्यादा लोग रहते हैं. यह राज्य प्रशासनिक रूप से 75 जिलों और 18 मंडलों में बंटा हुआ है. इसकी राजधानी लखनऊ है. वर्तमान में यहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और योगी आदित्यनाथ लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद पर काबिज हैं. लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या, गोरखपुर, सीतापुर, इटावा, मथुरा, मुरादाबाद, मेरठ और बुलंदशहर जैसे शहर इसे पहचान देते हैं. देश की राजनीति में उत्तर प्रदेश की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है. अक्सर कहा जाता है कि देश की सत्ता का रास्ता यूपी से होकर ही जाता है. प्रदेश की हर बड़ी खबर सबसे पहले जानने के लिए जुड़े रहिए प्रभात खबर डिजिटल पर.

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