“तांत्रिक के जाल में फंसा पति, पत्नी-बच्चों पर किया हैवानों जैसा अत्याचार!”

BLIND TRUST: आगरा में एक महिला ने अपने पति पर तांत्रिक के कहने पर शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है. पति न केवल पत्नी के साथ तांत्रिक क्रियाएं करता था, बल्कि बच्चों पर भी अत्याचार करने लगा. पीड़िता बच्चों संग थाने पहुंची, मामला दर्ज कर जांच शुरू.

By Abhishek Singh | May 24, 2025 1:14 PM
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UP NEWS: अंधविश्वास जब हद से गुजर जाता है, तो वह केवल एक व्यक्ति को नहीं, बल्कि पूरे परिवार को बर्बादी की कगार पर ला खड़ा करता है. ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला आगरा के थाना हरीपर्वत क्षेत्र से सामने आया है, जहां एक महिला ने अपने पति पर तांत्रिक के कहने पर क्रूरता और उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं. महिला के अनुसार, पति ने पहले उसके साथ तांत्रिक क्रियाएं कर शारीरिक और मानसिक अत्याचार किया और बाद में अपने ही बच्चों को भी इन अमानवीय प्रयोगों का शिकार बनाया.

22 साल पहले हुई शादी, लेकिन जल्द ही उजड़ गया ससुराल का सपना

पीड़िता मंजू, जो नगला बैनी प्रसाद, बजीरपुरा निवासी चुन्नीलाल की बेटी हैं, ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि उनकी शादी 22 वर्ष पूर्व दिल्ली के नेहरू विहार, भजनपुरा निवासी रोहित आर्य के साथ हुई थी. शुरूआत में सब कुछ सामान्य था, लेकिन शादी के तीन-चार महीने बाद ही पति का असली चेहरा सामने आने लगा. छोटी-छोटी बातों पर वह झगड़ता, मारपीट करता और अपमानजनक व्यवहार करता था.

तांत्रिक की गिरफ्त में आया पति, पत्नी पर शुरू किए अजीबोगरीब प्रयोग

मंजू के अनुसार, कुछ वर्षों बाद उसका पति एक तांत्रिक के संपर्क में आया और उसके जीवन में एक अजीब मोड़ आ गया. पति तांत्रिक के बताए उपायों पर आंख मूंदकर विश्वास करने लगा. तांत्रिक के कहने पर वह घर में विचित्र अनुष्ठान करने लगा और पीड़िता को आपत्तिजनक हालातों में तांत्रिक क्रियाओं का हिस्सा बनाने लगा. इन क्रियाओं के दौरान वह न केवल मानसिक दबाव डालता था, बल्कि शारीरिक हिंसा भी करता था.

बच्चों को भी नहीं छोड़ा, मानसिक यातना देकर किया उत्पीड़न

पति की हरकतों से तंग आकर मंजू ने मजबूरी में घर छोड़ दिया, लेकिन उसका बेटा और बेटी घर में ही रह गए. जब पत्नी घर छोड़ गई, तो पति की हैवानियत यहीं नहीं रुकी. उसने बच्चों के साथ भी तांत्रिक प्रयोग करने शुरू कर दिए. उन्हें भी मारना-पीटना, उनके ऊपर तांत्रिक क्रियाएं आजमाना, और मानसिक प्रताड़ना देना शुरू कर दिया. भय और असुरक्षा के माहौल में जी रहे बच्चों ने एक दिन हिम्मत जुटाकर घर छोड़ दिया और अपनी मां के पास जा पहुंचे.

थाना हरीपर्वत पहुंची पीड़िता, पुलिस ने की गंभीर धाराओं में एफआईआर

बच्चों के साथ पीड़िता मंजू थाना हरीपर्वत पहुंची और पुलिस को पूरे घटनाक्रम की विस्तार से जानकारी दी. महिला के बयान और बच्चों की हालत को देखते हुए पुलिस ने तत्काल मामला दर्ज कर लिया और जांच शुरू कर दी है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपों की गंभीरता को देखते हुए सभी पहलुओं की बारीकी से जांच की जा रही है और दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

सामाजिक पहलू: अंधविश्वास बन रहा पारिवारिक विनाश का कारण

इस घटना ने एक बार फिर समाज में फैले अंधविश्वास और ढोंगी तांत्रिकों के प्रभाव को उजागर कर दिया है. जब एक शिक्षित समाज में रहने वाला व्यक्ति तर्क और विज्ञान को छोड़कर तांत्रिकों की बातों में फंसकर अपने ही परिवार का जीवन नरक बना देता है, तो यह न केवल कानून व्यवस्था बल्कि सामाजिक चेतना के लिए भी एक गंभीर सवाल बन जाता है.

मानवाधिकार विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि ऐसे मामलों में पीड़ितों को केवल कानूनी सहायता ही नहीं, बल्कि मानसिक परामर्श और पुनर्वास की भी आवश्यकता होती है. बच्चों पर किए गए ऐसे मानसिक अत्याचारों का प्रभाव उनके पूरे जीवन पर पड़ सकता है.

पुलिस की अपील: अंधविश्वास से दूर रहें, कानून का सहारा लें

आगरा पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे अंधविश्वास और तांत्रिकों के झांसे में आने के बजाय कानून और विज्ञान पर विश्वास करें. यदि किसी को इस तरह की किसी गतिविधि की जानकारी हो, तो वह तुरंत नजदीकी थाने में रिपोर्ट करें. समाज की जागरूकता ही ऐसे अपराधों पर रोक लगा सकती है.

न्याय की राह पर बढ़ी मंजू, अब उम्मीद है इंसाफ की

मंजू और उसके बच्चों की यह लड़ाई अब कानूनी मोड़ ले चुकी है. वर्षों की पीड़ा के बाद उन्होंने हिम्मत दिखाकर आवाज उठाई है. यह केवल एक परिवार की नहीं, बल्कि उन कई महिलाओं की कहानी है जो अंधविश्वास, घरेलू हिंसा और सामाजिक दबाव की शिकार होती हैं. अब देखना यह है कि कानून की नजर में इस अंधविश्वास की बलि चढ़े परिवार को कितना और कब तक न्याय मिलता है.

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