पंखुड़ी ने जनता दर्शन में मुख्यमंत्री से कहा, “महाराज जी, मैं पढ़ना चाहती हूं लेकिन हमारे पास फीस भरने के पैसे नहीं हैं. कृपया मदद कीजिए.” इस पर मुख्यमंत्री थोड़ी देर रुक गए, बच्ची से आत्मीयता के साथ बातचीत की और पूरी परिस्थिति समझी. जब पंखुड़ी ने बताया कि वह एक इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ती है और उसके पिता दिव्यांग हैं, जबकि मां मीनाक्षी एक दुकान पर काम करके घर चला रही हैं, तो मुख्यमंत्री ने तुरंत अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस बच्ची की पढ़ाई किसी भी सूरत में नहीं रुकनी चाहिए.
मुख्यमंत्री ने कहा, “बिलकुल परेशान मत हो बेटा, तुम्हारी पढ़ाई में कोई रुकावट नहीं आने देंगे. तुम्हारी फीस माफ कराने की कोशिश करेंगे और अगर माफ नहीं हुई तो सरकार खुद तुम्हारी फीस देगी. खूब मन लगाकर पढ़ो.” मुख्यमंत्री के इस भरोसे से पंखुड़ी भावविभोर हो गई और बोली, “महाराज जी जैसा कोई नहीं है.”
मुख्यमंत्री के साथ फोटो खिंचवाने की पंखुड़ी की इच्छा भी मुख्यमंत्री ने पूरी की, जिससे उसके चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई. यह पल उसके लिए जीवनभर की याद बन गया.
जनता की पीड़ा सुनने और समाधान का भरोसा देने वाले मुख्यमंत्री
गोरखपुर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार सुबह गोरखनाथ मंदिर स्थित महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के सभागार में जनता दर्शन कार्यक्रम में शामिल हुए. यहां उन्होंने करीब 100 से ज्यादा लोगों की समस्याएं सुनीं और उनके समाधान के लिए अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि “जनता की समस्याओं का समाधान करना हमारी सरकार की पहली प्राथमिकता है. हर व्यक्ति की पीड़ा को गंभीरता से लें और समयबद्ध ढंग से उसका समाधान करें. इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं चलेगी.”
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की मदद के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए कि इलाज कराने के लिए जरूरतमंद मरीजों से अस्पताल का इस्टीमेट मंगवाकर शासन को भेजा जाए ताकि तत्काल मदद की जा सके. साथ ही आवास योजना और अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक जरूरतमंदों को दिलाने का निर्देश दिया गया.
मानवीय संवेदना की मिसाल बने मुख्यमंत्री योगी
आज का दिन केवल पंखुड़ी के लिए नहीं बल्कि पूरे गोरखपुर के लिए एक प्रेरणा बन गया. जब एक साधारण सी बच्ची ने अपने सपनों को बचाने के लिए मुख्यमंत्री से मदद मांगी, तो उन्हें सिर्फ आश्वासन नहीं मिला बल्कि समाधान का ठोस भरोसा भी मिला.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह रूप न सिर्फ एक संवेदनशील प्रशासक का है बल्कि एक अभिभावक की तरह बच्चों के भविष्य को संवारने वाला भी है. पंखुड़ी के लिए एक जुलाई सिर्फ नया सत्र नहीं, बल्कि नए विश्वास, नई उम्मीद और एक नई शुरुआत का दिन बन गया.