‘मुझे मेरा लाल दिखा दो…’ पोस्टमॉर्टम हाउस में बिलख पड़ा परिवार
अंकित अपने माता-पिता नरेंद्र और मां का इकलौता बेटा था. हादसे की खबर मिलते ही पूरे परिवार में कोहराम मच गया. पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचकर पिता नरेंद्र पुलिस के सामने हाथ जोड़कर रोते हुए बोले “मुझे मेरा लाल दिखा दो…” दादा-दादी बार-बार चिल्लाते रहे “भगवान हमें भी उठा लो, हमारा एक ही लाल था, अब हमारे जीने का क्या मतलब?” अंकित के शव को देखकर पूरा परिवार बेसुध हो गया. हाईस्कूल में पढ़ने वाला यह छात्र परिवार की सभी उम्मीदों का केंद्र था.
बवाल में जली ट्रैक्टर-ट्रॉली, ड्राइवर को पेड़ से बांधा, पांच घायल
अंकित की मौत से गुस्साए कांवड़ियों ने हादसे के लिए जिम्मेदार मानी जा रही ट्रैक्टर-ट्रॉली में आग लगा दी. चालक को पेड़ से बांधकर पीटा गया और दूसरे जत्थे के कांवड़ियों से भी मारपीट की गई. इस हिंसा में करीब पांच कांवड़िये घायल हो गए. तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की.
डीएम-एसएसपी पहुंचे मौके पर, पुलिस बल ने संभाला मोर्चा
घटना की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी अवनीश कुमार, एसएसपी डॉ. ब्रजेश सिंह व एसपी सिटी विजयेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे. उनके साथ तीन थानों की पुलिस और पीएसी बल भी मौजूद रही. अफसरों ने घटना की जानकारी लेकर आवश्यक निर्देश दिए और घायलों को प्राथमिकता पर इलाज दिलाने को कहा. करीब दो घंटे बाद स्थिति को काबू में लिया गया.
श्रद्धालुओं की आस्था पर साया, हादसे ने हर किसी को झकझोरा
श्रावण मास में शिवभक्तों की कांवड़ यात्रा के दौरान हुए इस हादसे ने लोगों की आत्मा झकझोर दी. हाईवे पर घंटों हंगामा और जले हुए ट्रैक्टर-ट्रॉली के दृश्य एक गहरी पीड़ा का प्रतीक बन गए. अंकित जैसे हजारों युवक हर साल आस्था में डूबे रहते हैं, लेकिन एक चूक कैसे काल बन जाए यह हादसा उसका जीता-जागता उदाहरण है.