Mahakumbh 2025 : 44 वेबसाइट रडार पर, साइबर अपराधियों पर योगी के योद्धा की पैनी नजर

Mahakumbh 2025 : एआई, डार्क वेब और सोशल मीडिया स्कैमर्स से महाकुम्भ साइबर थाना बचाएगा. महाकुम्भ में श्रद्धालुओं की ऑनलाइन सुरक्षा के लिए योगी के योद्धा तैयार हो चुके हैं. ठगों के फर्जी लिंक के हथियार बेकार कर दिए जाएंगे.

By Amitabh Kumar | December 12, 2024 1:35 PM
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Mahakumbh 2025 : महाकुम्भ की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. योगी आदित्यनाथ सरकार पहली बार इतने व्यापक स्तर पर महाआयोजन के डिजिटलीकरण करने की ओर बढ़ रही है. डिजिटलाइजेशन के साथ-साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने के लिए भी खास प्लान तैयार किया गया है. साइबर सिक्योरिटी प्रदान करने के लिए मेला क्षेत्र में साइबर थाने की शुरुआत की गई है. इसके माध्यम से एआई, डार्क वेब और सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर लोगों को झांसा देने वालों पर पुलिस नकेल कसेगी. खास बात ये है कि इस बार देश विदेश से इतनी बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं की ऑनलाइन सुरक्षा के लिए पूरे प्रदेश के चुनिंदा अफसरों की एक स्पेशल टीम बनाई गई है. प्रदेश के चुनिंदा साइबर एक्सपर्ट्स बुलाए गए हैं. ये 45 करोड़ श्रद्धालुओं की साइबर सुरक्षा में 24 घंटे तैनात रहेंगे.

महाकुम्भ नगर पहुंची स्पेशल टीम

मेला के दौरान यहां 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है. इनकी सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री योगी ने अफसरों को विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया है. इसी क्रम में एक-एक श्रद्धालु की सुरक्षा पर मेले के अधिकारी विशेष ध्यान दे रहे हैं. यही नहीं, उन्हें साइबर सिक्योरिटी प्रदान करने के लिए पूरे प्रदेश के चुनिंदा अफसरों की एक स्पेशल टीम महाकुम्भनगर बुला ली गई है.

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44 वेबसाइटों पर नजर

महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने सुरक्षा को लेकर जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि फेक और डार्क वेबसाइट और सोशल मीडिया के शातिरों से श्रद्धालुओं की हर तरह से हिफाजत करने की योजना तैयार कर ली गई है. इसके लिए पूरे प्रदेश के अनुभवी अफसरों को यहां महाकुम्भनगर में बुलाया गया है. साइबर सेल के एक्सपर्ट अपनी पोजिशन ले चुके हैं. सबसे खास बात यह है कि महाकुम्भ में एआई, एक्स, फेसबुक और गूगल का किसी भी प्रकार से दुरुपयोग नहीं किया जा सकेगा. ठगों के फर्जी तरीके से तैयार किए गए लिंक के हथियार नष्ट कर दिए जाएंगे. महाकुम्भनगर की साइबर एक्सपर्ट की टीम ने तेजी से काम करते हुए ऐसी संदेहास्पद 44 वेबसाइटों को अपने रडार पर ले लिया है. इनके खिलाफ कार्यवाही की जा रही है.

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