Maize MSP Up 2025: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मक्का किसानों के हित में ऐतिहासिक कदम उठाया है. पहली बार राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर मक्का की सीधी खरीद की जा रही है. यह पहल 15 जून से शुरू हो चुकी है और 31 जुलाई 2025 तक जारी रहेगी. किसानों को 2225 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया जाएगा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने औरैया में हाल ही में मक्का उत्पादक किसानों से संवाद कर यह भरोसा दिया था कि उनकी उपज को उचित मूल्य दिलाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है. अब यह वादा धरातल पर उतरता नजर आ रहा है.
रोजाना सुबह 9 से शाम 6 बजे तक खुले रहेंगे क्रय केंद्र
मक्का खरीद के लिए बनाए गए क्रय केंद्र प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक खुले रहेंगे. किसानों को अपनी फसल सीधे इन केंद्रों पर लाने की सुविधा दी गई है. यह व्यवस्था किसानों को बिचौलियों से मुक्ति दिलाने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई है.
इन 21 जिलों में की जा रही खरीद
सरकार ने यूपी के 21 जिलों को मक्का खरीद के लिए चिन्हित किया है, जहां क्रय केंद्रों पर सीधी खरीद होगी. ये जिले हैं:
बदायूं, बुलंदशहर, अलीगढ़, एटा, जिले कासगंज, फिरोजाबाद, हाथरस, मैनपुरी, हरदोई, उन्नाव, कानपुर नगर, औरैया, कन्नौज, इटावा, फर्रुखाबाद, बहराइच, बलिया, गोंडा, संभल, रामपुर, अयोध्या और मीरजापुर.
पंजीकरण अनिवार्य, ऐसे करें आवेदन
मक्का बेचने के इच्छुक किसानों को निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करना अनिवार्य है:
पंजीकरण के लिए fcs.up.gov.in या ‘यूपी किसान मित्र’ मोबाइल ऐप का उपयोग करें.
केवल उसी मोबाइल नंबर से पंजीकरण करें, जो चालू हो, क्योंकि OTP उसी नंबर पर आएगा.
किसान का बैंक खाता आधार से लिंक हो और NPCI पोर्टल पर सक्रिय रूप से मैप होना जरूरी है.
खाता विवरण सटीक और अपडेटेड होना अनिवार्य है, तभी भुगतान में कोई रुकावट नहीं आएगी.
किसी परेशानी में इस नंबर पर करें कॉल
किसानों को किसी भी समस्या, पंजीकरण संबंधित पूछताछ या अन्य जानकारी के लिए टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1800 1800 150 पर कॉल करने की सुविधा दी गई है. इसके अलावा वे अपने जिले के खाद्य विपणन अधिकारी, तहसील के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी या ब्लॉक स्तर के विपणन निरीक्षक से भी संपर्क कर सकते हैं.
सरकार का उद्देश्य: किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी
इस पहल का मुख्य उद्देश्य मक्का उत्पादक किसानों को सही मूल्य देना, उनकी आमदनी को सुनिश्चित करना और सरकारी खरीद प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाना है. इससे राज्य में मक्का की खेती को भी बढ़ावा मिलेगा और किसानों का भरोसा शासन पर और मजबूत होगा.
नोट: बिना पंजीकरण के मक्का की खरीद नहीं होगी, अतः किसान समय रहते ऑनलाइन पंजीकरण जरूर कराएं.
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