प्रधानमंत्री मोदी के 15 अगस्त को दिए भाषण से गरमाई सियासत, मायावती ने दी ये प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री मोदी ने लगातार 10 वीं बार स्वतंत्रता दिवस के दिन लाल किले से राष्ट्र को संबोधित किया. इस बार मोदी जी द्वारा 15 अगस्त को दिए गए भाषण से सियासत गर्मा गई है. कांग्रेस और बसपा जैसी पार्टियों ने पीएम मोदी के भाषण पर सवाल उठाए हैं.
By Kushal Singh | August 16, 2024 11:36 AM
Mayawati News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तक कुल दस बार लाल किले से राष्ट्र को संबोधित किया है. इस बार पपीएम मोदी ने 98 मिनट का रिकॉर्ड सबसे लंबा भाषण दिया है. इस बार पीएम मोदी के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिए गए भाषण से राजनैतिक हलचल तेज हो गई है. कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियां इस भाषण की आलोचना कर रही हैं. अब बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसकी आलोचना की है. मायावती ने एक पोस्ट साझा करते हुए एक्स में लिखा,”पीएम द्वारा कल 15 अगस्त को लाल किले से बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर द्वारा सभी धर्मों का एक-समान सम्मान के धर्मनिरपेक्षता के सिद्धान्त की संवैधानिक व्यवस्था को ’कम्युनल’ कहना क्या उचित? सरकार संविधान की मंशा के हिसाब से सेक्युलरिज्म का पालन करे यही सच्ची देशभक्ति व राजधर्म.”
1. पीएम द्वारा कल 15 अगस्त को लाल क़िले से बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर द्वारा सभी धर्मों का एक-समान सम्मान के धर्मनिरपेक्षता के सिद्धान्त की संवैधानिक व्यवस्था को ’कम्युनल’ कहना क्या उचित? सरकार संविधान की मंशा के हिसाब से सेक्युलरिज्म का पालन करे यही सच्ची देशभक्ति व राजधर्म।
बसपा सुप्रीमो ने पीएम मोदी के भाषण की आलोचना करते हुए एक्स पर लिखा ,”इतना ही नहीं बल्कि पीएम द्वारा देश की अपार ग़रीबी, बेरोज़गारी, महंगाई व पिछड़ेपन आदि की ज्वलन्त राष्ट्रीय समस्याओं पर इससे प्रभावित करीब सवासौ करोड़ लोगों में उम्मीद की कोई नई किरण नहीं जगा पाना भी कितना सही? लोगों के ’अच्छे दिन’ कब आयेंगे?”
कांग्रेस ने की पीएम मोदी के भाषण की आलोचना
कांग्रेस पार्टी के नेता जयराम रमेश ने टिप्पणी और भाषण की आलोचना की है. उन्होंने कहा, “गैर-जैविक प्रधानमंत्री की द्वेष, शरारत और इतिहास को बदनाम करने की क्षमता की कोई सीमा नहीं है. आज लाल किले से इसका पूरा प्रदर्शन हुआ. यह कहना कि हमारे पास अब तक ‘सांप्रदायिक नागरिक संहिता’ है, डॉ. अंबेडकर का घोर अपमान है, जो हिंदू व्यक्तिगत कानूनों में सुधारों के सबसे बड़े समर्थक थे, जो 1950 के दशक के मध्य तक वास्तविकता बन गए। इन सुधारों का आरएसएस और जनसंघ ने कड़ा विरोध किया था.
The non-biological PM's capacity for malice, mischief, and maligning of history knows no bounds. It was on full display today from the Red Fort.
To say that we have had a "communal civil code" till now is a gross insult to Dr. Ambedkar, who was the greatest champion of reforms…
UP News in Hindi उत्तर प्रदेश भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है, जहां 20 करोड़ से ज्यादा लोग रहते हैं. यह राज्य प्रशासनिक रूप से 75 जिलों और 18 मंडलों में बंटा हुआ है. इसकी राजधानी लखनऊ है. वर्तमान में यहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और योगी आदित्यनाथ लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद पर काबिज हैं. लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या, गोरखपुर, सीतापुर, इटावा, मथुरा, मुरादाबाद, मेरठ और बुलंदशहर जैसे शहर इसे पहचान देते हैं. देश की राजनीति में उत्तर प्रदेश की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है. अक्सर कहा जाता है कि देश की सत्ता का रास्ता यूपी से होकर ही जाता है. प्रदेश की हर बड़ी खबर सबसे पहले जानने के लिए जुड़े रहिए प्रभात खबर डिजिटल पर.