एफआईआर पर जताई आपत्ति
क्रिकेटर यश दयाल ने एफआईआर को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए दावा किया कि उनके खिलाफ दर्ज मामला झूठा, दुर्भावनापूर्ण और मानसिक उत्पीड़न करने वाला है. याचिका में कहा गया कि यह मामला केवल उन्हें फंसाने और उनकी छवि को खराब करने की साजिश का हिस्सा है. उन्होंने कोर्ट से मांग की कि इस एफआईआर को तत्काल रद्द किया जाए और गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए, जिससे उनकी स्वतंत्रता और सम्मान की रक्षा हो सके.
गाजियाबाद थाने में दर्ज हुआ था मामला
गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में रहने वाली एक युवती ने छह जुलाई को यश दयाल के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई थी. यह मामला बीएनएस की धारा 69 (पूर्व में IPC 376) के तहत दर्ज किया गया. युवती का आरोप था कि यश दयाल ने शादी का झांसा देकर उसके साथ कई वर्षों तक शारीरिक संबंध बनाए और बाद में शादी से इनकार कर दिया.
पांच साल के रिश्ते का दावा
पीड़िता ने पुलिस को दिए गए बयान में कहा कि वह वर्ष 2020 से यश दयाल के संपर्क में थी. सोशल मीडिया के जरिए बातचीत शुरू हुई थी और फिर मुलाकातें बढ़ीं. युवती का कहना है कि इन पांच वर्षों के दौरान यश दयाल ने लगातार उसे शादी का भरोसा दिया और इस आधार पर उनके बीच संबंध बने. पीड़िता का आरोप है कि यश ने भावनात्मक रूप से शोषण करते हुए उसे धोखा दिया और बाद में शादी से पीछे हट गया.
अब अगली सुनवाई तक राहत
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फिलहाल मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए याचिका को विचाराधीन रखा है. अदालत ने प्रतिवादियों को निर्देश दिया है कि वे अगली सुनवाई से पहले अपनी प्रतिक्रिया कोर्ट में दाखिल करें. अब अगली तारीख तक यश दयाल को कानूनी राहत मिल गई है और पुलिस उनके खिलाफ किसी भी तरह की सख्त कार्रवाई नहीं कर सकेगी.