फुटपाथ पर मौत बनकर आई वैगन-आर, बुजुर्ग महिला समेत दो की गई जान, दो घायल

Prayagraj News: सिविल लाइंस में तेज रफ्तार वैगन-आर कार ने फुटपाथ पर सो रहे चार लोगों को रौंद दिया. हादसे में दो वृद्धाओं की मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर घायल हैं. कार सवार चार युवक फरार हो गए. गुस्साई भीड़ ने कार में तोड़फोड़ की.

By Abhishek Singh | July 19, 2025 3:19 PM
an image

Prayagraj News: प्रयागराज में शुक्रवार रात सिविल लाइंस के हाईकोर्ट फ्लाईओवर के नीचे उस वक्त हाहाकार मच गया जब एक तेज रफ्तार वैगन-आर कार ने फुटपाथ पर सो रहे लोगों को कुचल दिया. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कार अंबेडकर चौराहे से तेज रफ्तार में आ रही थी और न्याय मार्ग की ओर मुड़ते समय ड्राइवर ने अचानक नियंत्रण खो दिया. कार सीधे उन बेबस लोगों पर चढ़ गई, जिनके लिए फुटपाथ ही उनका बिस्तर था. नींद में डूबे इन मजदूरों को शायद यह आभास भी नहीं था कि अगली सुबह उन्हें देखना नसीब नहीं होगा.

एक की मौके पर मौत, दूसरी ने अस्पताल में तोड़ा दम

कार की टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि एक बुजुर्ग महिला ने मौके पर ही दम तोड़ दिया. दूसरी महिला को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी भी जान चली गई. बाकी दो लोग एक युवक और एक वृद्धा भी गंभीर रूप से घायल हैं. हादसे के वक्त सभी लोग फुटपाथ पर सो रहे थे और पूरी तरह बेखबर थे. यह घटना न केवल दिल दहला देने वाली थी बल्कि इसने समाज की उस सच्चाई को उजागर कर दिया, जहां गरीबों की जान की कीमत कुछ भी नहीं रह गई है.

कार के नीचे फंसी वृद्धा घिसटती रही, मंजर हुआ दर्दनाक

चार लोगों को रौंदने के बाद कार एक महिला को अपने नीचे फंसा ले गई और उसे कई मीटर तक घसीटती रही. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि महिला चीख भी नहीं पाई. कार जब एक दीवार से टकराकर रुकी, तब लोग दौड़कर पहुंचे और किसी तरह उसे बाहर निकाला, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. महिला की दर्दनाक मौत ने वहां मौजूद हर शख्स की रूह तक हिला दी. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर वाहन चलाने वालों के लिए सड़कें इंसानों के ऊपर चलने की जगह कब से बन गईं?

पहचान से रह गईं दूर, मौत ने छीन ली पहचान भी

हादसे के बाद एक और पीड़ादायक बात यह सामने आई कि मरने वाली वृद्धा के पास न तो कोई पहचान पत्र था, न कोई परिजन जो उसकी पहचान कर सके. जो घायल हुईं, वे भी वर्षों से फुटपाथ पर रहने को मजबूर थीं. श्रीदेवी और गुलाब कली दोनों 65 वर्ष की थीं और एक मजदूर युवक बॉबी के साथ वहीं रोज रात सोते थे. श्रीदेवी के सिर में गंभीर चोटें थीं, जबकि गुलाब कली के हाथ में फ्रैक्चर हुआ था. घायल बॉबी ने बताया कि सभी मजदूरी करके गुजारा करते थे और यही फुटपाथ उनकी रातों का आशियाना था.

गुस्साए लोगों ने कार पर बरसाए पत्थर

जैसे ही हादसे की खबर फैली, मौके पर भारी भीड़ इकट्ठा हो गई. गुस्साए लोगों ने बिना देर किए कार पर पत्थर और ईंटें बरसाईं. कार के शीशे तोड़ दिए गए और आक्रोश साफ झलकने लगा. एंबुलेंस के देर से पहुंचने पर भी भीड़ में नाराजगी थी. पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने में मशक्कत करनी पड़ी. मौके पर पहुंचे सिविल लाइंस थाना प्रभारी रामाश्रय यादव ने बताया कि कार को कब्जे में ले लिया गया है और कार सवार युवकों की पहचान के प्रयास जारी हैं.

क्या फुटपाथ पर सोना अब गुनाह है?

यह सवाल अब हर किसी की जुबां पर है कि क्या अब सड़क किनारे सोना अपराध बन गया है? ये महिलाएं, जिनकी जिंदगी पहले ही संघर्षों से भरी थी, उन्हें अपने अंतिम समय में भी कोई इंसाफ नहीं मिला. वे न तो किसी घर में सो सकीं, न ही मरने के बाद उनकी पहचान हो सकी. ऐसा लगता है जैसे समाज ने पहले ही उन्हें भुला दिया था, और अब मौत ने उन्हें पूरी तरह गुमनाम कर दिया. क्या गरीबी की सजा इतनी क्रूर हो सकती है?

गुमनाम मौतें और संवेदनहीन समाज का सच

यह हादसा सिर्फ सड़क पर हुई एक दुर्घटना नहीं है, यह हमारे समाज की संवेदनहीनता की साक्षात तस्वीर है. जब वृद्धाओं को फुटपाथ पर जिंदगी बितानी पड़े, और मरने के बाद भी उन्हें पहचान न मिले, तो यह केवल शासन की विफलता नहीं बल्कि समाज की सामूहिक चूक भी है. इस हादसे ने दिखा दिया कि आज भी बहुत से लोग बिना नाम, बिना घर, बिना अपने, बस यूं ही जी रहे हैं और यूं ही मर जाते हैं. उनकी मौत हमें आईना दिखाती है कि असली त्रासदी सिर्फ मरना नहीं, गुमनामी में मर जाना है.

संबंधित खबर और खबरें

यहां प्रयागराज न्यूज़ (Prayagraj News) , प्रयागराज हिंदी समाचार (Prayagraj News in Hindi), ताज़ा प्रयागराज समाचार (Latest Prayagraj Samachar), प्रयागराज पॉलिटिक्स न्यूज़ (Prayagraj Politics News), प्रयागराज एजुकेशन न्यूज़ (Prayagraj Education News), प्रयागराज मौसम न्यूज़ (Prayagraj Weather News) और प्रयागराज क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version