यहां जानें क्या है प्रथम वरीयता और दूसरे वरीयता
राज्यसभा चुनाव में वोटिंग करने की एक प्रक्रिया है. राज्यसभा चुनाव कोई गुप्त मतदान नहीं होता और न इसमें ईवीएम का प्रयोग होता. यहां हर उम्मीदवार के नाम के आगे एक से चार तक का नंबर लिखा होता है. विधायकों को वरीयता के आधार पर राज्यसभा उम्मीदवार के नाम से ऊपर निशान लगाना होता है. एक विधायक एक ही बार वोट दे सकता है. विधायक प्राथमिकता के आधार पर वोट देते हैं. उनको बताना होता है कि उनकी पहली पसंद कौन है और दूसरी कौन. पहली पसंद के वोट जिसे मिलेंगे, उसे जीता माना जाता है. समाजवादी पार्टी को अपने तीसरे उम्मीदवार को जिताने के लिए तीन अतरिक्त वोट चाहिए. जिसके लिए वरियता के आधार पर तीसरे नंबर के उम्मीदवार के लिए काफी चुनौती है. इसीलिए सपा अपने विधायकों को एकजुट करने के साथ ट्रेनिंग दे रही है. वहीं रामगोपाल ने समाजवादी पार्टी की बैठक में बताया कि राज्यसभा चुनाव के मतपत्र में विधायक को उसके आवंटित प्रत्याशी के समक्ष केवल एक खड़ी लाइन खींचनी है. किसी भी दूसरे खाने को छूनी नहीं चाहिए. मतपत्र में अपने पेन से वोट नहीं देंगे. पीठाशीन के द्वारा दिए गए पेन का ही इस्तेमाल करना होगा. इसके बाद सभी विधायकों को अपना मत पोलिंग एजेंट को दिखाकर डालना होगा. सपा ने राज्यसभा चुनाव में मतदान कैसे करना है इसका प्रशिक्षण अपने पार्टी के विधायकों को डमी मतपत्र के जरिए दिलवाया है.
समाजवादी पार्टी के ये विधायक नहीं आ सकेंगे डालने वोट
समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी वोटिंग नहीं कर पाएंगे, क्योंकि कोर्ट ने उन्हें आगामी राज्यसभा चुनाव में वोट करने से रोक दिया है. जेल में बंद सपा विधायक रामकांत यादव और इरफान सोलंकी को मतदान की अनुमति देने के लिए हाईकोर्ट में अर्जी लगाई गई है. सपा सूत्रों का कहना है कि रमाकांत यादव को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है, लेकिन प्रक्रियागत औपचारिकताएं पूरी होने में समय लगने के कारण वे जेल से बाहर नहीं आ सके हैं. इसलिए उन्हें मतदान की अनुमति देने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है. एमपी-एमएलए कोर्ट ने इरफान सोलंकी की अनुमति की अर्जी खारिज कर दी है. वहीं सुहेलदव भारतीय समाज पार्टी के सिंबल पर चुनाव जीते अब्बास अंसारी भी जेल में बंद है. बहुजन समाज पार्टी के टिकट से सांसद रितेश पांडे ने भारतीय जनता पार्टी का अब दामन थाम लिया है. रितेश पांडे अम्बेडकर नगर सीट से बसपा के सांसद. रितेश पांडे ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है. सवाल उठता है कि उनके पिता, राकेश पांडे जो कि समाजवादी पार्टी से विधायक हैं, क्या सपा को वोट करेंगे या फिर वह भी राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं? अगर वह क्रॉस वोटिंग करते हैं तो फिर अखिलेश के लिए और मुश्किल हो जाएगी. इसके अलावा अन्य सपा के विधायकों को लेकर चर्चा है.
बीजेपी ने 8 तो सपा ने 3 उतारे उम्मीदार
बता दें कि राज्यसभा की 10वीं सीट पर समाजवादी पार्टी और भाजपा के बीच फाइट होनी है, जिसके लिए दोनों ही दल सियासी जोड़तोड़ और गणित बैठाने में जुटे हैं. बीजेपी की तरफ से राज्यसभा चुनाव में आरपीएन सिंह, चौधरी तेजवीर सिंह, अमरपाल मौर्य, संगीता बलवंत, सुधांशु त्रिवेदी, साधना सिंह, नवीन जैन और संजय सेठ चुनावी मैदान में है. वहीं समाजवादी पार्टी से जया बच्चन, रामजी लाल सुमन और रिटायर्ड आईएएस आलोक रंजन राज्यसभा प्रत्याशी हैं. बीजेपी के आठवें उम्मीदवार संजय सेठ हैं जबकि सपा का तीसरा प्रत्याशी अभी तय नहीं है. देखना दिलचस्प होगा कि 11 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं. विधायकों की संख्या के आधार पर बीजेपी की 7 और सपा की 2 राज्यसभा सीट पर जीत तय है. बीजेपी आठवे उम्मीदवार संजय सेठ को जिताने की जुगत में है तो सपा ने वरीयता के आधार पर अपना तीसरा उम्मीदवार आलोक रंजन को बनाया है.
यहां जानें यूपी विधान सभा में विधायकों की संख्या
बता दें कि यूपी विधान सभा में वर्तमान विधायकों की संख्या 399 है. जिनमें से 3 विधायक जेल में बंद हैं और चार का निधन हो चुका है. अब तक कुल 396 विधायक बचे हैं. बीजेपी के 252, सपा के 108, अपना दल एस के 13, राष्ट्रीय लोक दल के 9, निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल के 6, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 2, जनसत्ता लोकतांत्रिक दल के 2 और बहुजन समाज पार्टी के 1 विधायक हैं.