SITAPUR NEWS: सीतापुर जिले के विकास खंड पहला की बेहमा चुनका पेयजल योजना में लगे जिंक एलम पानी की टंकी गिरने के मामले ने शासन-प्रशासन को झकझोर कर रख दिया है. इस गंभीर लापरवाही पर राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए निर्माण एजेंसी और थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन (TPI) एजेंसी को ब्लैकलिस्ट करने का नोटिस जारी कर दिया है. यही नहीं, निर्माण एजेंसी पर 5 प्रतिशत लिक्विडेटेड डैमेज पेनाल्टी भी लगाई गई है.
विभागीय अफसरों पर भी गिरी गाज
टंकी हादसे को लेकर संबंधित विभागीय अधिकारियों के खिलाफ भी बड़ी कार्रवाई की गई है. जल निगम (ग्रामीण) के सहायक अभियंता (AE) और जूनियर इंजीनियर (JE), जो इस टंकी के निर्माण कार्य की निगरानी कर रहे थे, उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही सीतापुर के अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता और जूनियर इंजीनियर के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं.
राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के अधीन कार्यरत एक सहायक अभियंता और एक जूनियर इंजीनियर को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है. वहीं, थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन एजेंसी के जिला प्रभारी को भी उनके पद से हटाने का निर्देश दिया गया है.
जांच के लिए तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति गठित
मामले की गंभीरता को देखते हुए शासन ने उच्चस्तरीय जांच कमेटी का गठन किया है. इस तीन सदस्यीय समिति में जल निगम (ग्रामीण) के एक मुख्य अभियंता, राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के एक मुख्य अभियंता और एक अधीक्षण अभियंता शामिल हैं. यह समिति पूरे मामले की गहराई से जांच करेगी और तीन दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी.
जल जीवन मिशन के तहत अब तक 16,000 से अधिक टंकियों का सफल परीक्षण
प्रदेश में जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत अब तक 16,000 से अधिक टंकियों का सफल परीक्षण किया जा चुका है. इनमें से सिर्फ पांच टंकियों में क्षतिग्रस्तता की शिकायत सामने आई है। इन पांच मामलों में भी शासन द्वारा तुरंत कार्रवाई की गई है. सीतापुर की घटना में दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए गए हैं, जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों.
शासन की सख्ती का साफ संदेश
सीतापुर टंकी हादसे के बाद की गई इस त्वरित और कठोर कार्रवाई ने स्पष्ट संदेश दिया है कि सरकार जल जीवन मिशन जैसी जनहित योजनाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही या भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेगी. निर्माण गुणवत्ता से समझौता करने वाले किसी भी अधिकारी या एजेंसी को कड़ी सजा दी जाएगी.
जनता में आक्रोश, जवाबदेही की मांग
टंकी गिरने की घटना ने न केवल सरकारी तंत्र की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि स्थानीय जनता में भी आक्रोश पैदा कर दिया है. लोगों का कहना है कि यदि समय रहते निर्माण की गुणवत्ता पर ध्यान दिया गया होता, तो यह दुर्घटना टल सकती थी. अब जनता दोषियों को दंडित करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग कर रही है.
सीतापुर की यह घटना सरकारी निर्माण कार्यों में गुणवत्ता और पारदर्शिता की आवश्यकता को एक बार फिर उजागर करती है. जांच रिपोर्ट और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई से यह स्पष्ट होगा कि शासन कितनी गंभीरता से इस योजना की निगरानी कर रहा है. आने वाले समय में यह घटना अन्य परियोजनाओं के लिए भी चेतावनी बन सकती है.
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