गैरहाजिर छात्रों की होगी तत्काल पहचान
अब तक उपस्थिति दर्ज करने की प्रक्रिया स्कूलों पर निर्भर थी, जिससे कई छात्रों के केवल कागजी तौर पर नामांकन होने और वास्तविक रूप से स्कूल न आने की शिकायतें मिलती थीं। इस नई डिजिटल प्रणाली के माध्यम से छात्रों की रोज़ाना उपस्थिति का रिकॉर्ड तुरंत तैयार होगा और ऐसे छात्रों की पहचान करना आसान होगा जो केवल नामांकन के लिए पंजीकृत हैं लेकिन नियमित कक्षाओं में भाग नहीं ले रहे हैं. इससे विद्यालय प्रबंधन को उनके सुधार हेतु कदम उठाने में मदद मिलेगी.
पारदर्शिता और अनुशासन को मिलेगा बढ़ावा
इस डिजिटल हाजिरी प्रणाली के जरिए शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता का स्तर और मजबूत होगा. सभी उपस्थिति डेटा ऑनलाइन दर्ज होंगे और उन्हें कभी भी चेक किया जा सकेगा. इससे न केवल छात्रों की उपस्थिति की निगरानी आसान होगी, बल्कि समय से आने और पढ़ाई में नियमितता की आदत भी विकसित होगी. वहीं, स्कूल प्रशासन को जवाबदेह बनाते हुए विद्यालयों में अनुशासन बनाए रखने में भी मदद मिलेगी.
फर्जी नामांकन और ‘घोस्ट स्टूडेंट्स’ की होगी छुट्टी
स्कूलों में लंबे समय से फर्जी प्रवेश और घोस्ट स्टूडेंट्स (जो सिर्फ नाम में दर्ज होते हैं, पर कभी आते नहीं) की समस्या सामने आती रही है. यह नई व्यवस्था इस प्रवृत्ति पर प्रभावी रूप से रोक लगाएगी. ऑनलाइन उपस्थिति से यह स्पष्ट हो जाएगा कि कौन छात्र वास्तव में कक्षाओं में उपस्थित है और कौन नहीं. इसके जरिए सरकारी योजनाओं के लाभ वास्तविक जरूरतमंद छात्रों तक पहुंच सकेंगे और योजनाओं के आंकड़ों में सटीकता सुनिश्चित होगी.
निजी स्कूलों में बढ़ेगी निगरानी
निजी विद्यालयों में अक्सर नामांकन और उपस्थिति के आंकड़ों में हेरफेर की शिकायतें मिलती रही हैं. आनलाइन हाजिरी की यह नई प्रणाली इस तरह की अनियमितताओं पर नियंत्रण लाने का कारगर उपाय बनेगी. अब हर छात्र की उपस्थिति राज्य स्तर पर रिकॉर्ड होगी, जिससे किसी भी स्कूल द्वारा फर्जी रिपोर्टिंग संभव नहीं हो पाएगी. इससे शिक्षा के स्तर में गुणवत्ता सुनिश्चित करने में भी मदद मिलेगी.
प्रजेंटेशन से होगा स्पष्ट मार्गदर्शन
इस तकनीकी बदलाव को सुचारू रूप से लागू करने के लिए यूपी बोर्ड द्वारा एक विस्तृत प्रजेंटेशन का आयोजन किया जा रहा है. 23 जून को प्रयागराज स्थित बोर्ड मुख्यालय में कार्यदायी संस्था द्वारा एक डेमो प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें स्कूलों को सॉफ्टवेयर, मोबाइल ऐप या पोर्टल के माध्यम से हाजिरी दर्ज करने की पूरी प्रक्रिया सिखाई जाएगी. इससे स्कूल प्रशासन को इस नई व्यवस्था को समझने और अपनाने में आसानी होगी.
शिक्षाविदों की सराहना, उम्मीदें भी बड़ी
उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार सिंह ने इस पहल को शिक्षा व्यवस्था की दिशा में एक सकारात्मक और ऐतिहासिक कदम बताया. उन्होंने कहा कि आनलाइन हाजिरी अनिवार्य होने से खास तौर पर निजी स्कूलों में पारदर्शिता बढ़ेगी और बच्चों के अध्ययन वातावरण में सुधार होगा. उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में इसका सकारात्मक असर बोर्ड परीक्षाओं के परिणामों पर भी देखने को मिलेगा.