UP सरकार का मास्टरस्ट्रोक! 5000 स्कूलों के मर्जर पर कोर्ट की मुहर, शिक्षा सुधार को मिली रफ्तार

UP Government School Merge News: हाई कोर्ट ने यूपी सरकार को बड़ी राहत देते हुए 5000 प्राथमिक स्कूलों के मर्जर के फैसले को वैध ठहराया. कोर्ट ने कहा, यह नीतिगत निर्णय शिक्षा की गुणवत्ता और संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए जरूरी है. याचिकाएं खारिज कर दी गईं.

By Abhishek Singh | July 7, 2025 6:03 PM
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UP Government School Merge News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक बड़ी कानूनी जीत मिली है. इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार द्वारा 5000 से अधिक प्राथमिक स्कूलों के मर्जर के फैसले को वैध ठहराते हुए इससे जुड़ी सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है. यह फैसला न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने सुनाया, जिन्होंने 4 जुलाई को इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा था.

हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: सरकार का कदम संविधान सम्मत और छात्रों के हित में

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सरकार का यह नीतिगत निर्णय पूरी तरह वैध है और इसका उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारना है. कोर्ट ने कहा कि जब तक किसी नीतिगत निर्णय में कोई असंवैधानिकता या दुर्भावना साबित न हो, तब तक न्यायालय को उसमें हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है.

जस्टिस भाटिया ने कहा कि सरकार का स्कूलों के मर्जर का फैसला बच्चों के व्यापक हित में लिया गया है और इसका उद्देश्य संसाधनों का समुचित उपयोग सुनिश्चित करना है.

क्या है पूरा मामला: 16 जून को जारी हुआ था आदेश

राज्य सरकार के बेसिक शिक्षा विभाग ने 16 जून 2025 को एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया था, जिसके तहत प्रदेश के हजारों ऐसे प्राथमिक स्कूल, जहां छात्रों की संख्या बेहद कम है, उन्हें नजदीकी उच्च प्राथमिक या कंपोजिट स्कूलों में मर्ज करने का निर्देश दिया गया था. इस मर्जर से 5000 से अधिक स्कूल प्रभावित हो रहे थे.

सरकार का तर्क था कि कम छात्र संख्या वाले स्कूलों में संसाधनों का अपव्यय हो रहा है. इनमें न तो शिक्षक पूरी तरह उपयोग हो पा रहे हैं और न ही बुनियादी ढांचे का लाभ मिल रहा है. मर्जर के बाद इन संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा और बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराई जा सकेगी.

शिक्षक संगठनों और अभिभावकों ने जताई थी आपत्ति

हालांकि, इस आदेश के खिलाफ कुछ शिक्षक संगठनों और ग्रामीण इलाकों के अभिभावकों ने हाई कोर्ट का रुख किया था. याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि स्कूलों का मर्जर खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की शिक्षा को प्रभावित करेगा. उनका कहना था कि अब बच्चों को दूर स्कूल जाना होगा, जिससे ड्रॉपआउट रेट बढ़ सकता है. साथ ही, उन्होंने यह भी दावा किया कि मर्जर से शिक्षकों की नौकरियों पर भी असर पड़ेगा.

अदालत ने नहीं मानी आपत्तियां, कहा- यह शिक्षा में सुधार की दिशा में सही कदम

हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के सभी तर्कों को खारिज करते हुए कहा कि यह सरकार का नीतिगत फैसला है, जिसे व्यापक जनहित में लिया गया है. अदालत ने यह भी कहा कि किसी नीतिगत फैसले में सिर्फ इस आधार पर हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता कि कुछ लोगों को उससे असुविधा हो रही है, जब तक कि वह फैसला संविधान के विरुद्ध या दुर्भावनापूर्ण न हो.

अब सरकार को योजना लागू करने में मिलेगी कानूनी छूट

हाई कोर्ट के इस ऐतिहासिक फैसले से अब यूपी सरकार को 5000 स्कूलों के मर्जर को लेकर बड़ी कानूनी राहत मिल गई है. इससे सरकार को बेसिक शिक्षा में संसाधनों के कुशल उपयोग की दिशा में आगे बढ़ने का रास्ता साफ हो गया है. आने वाले समय में यह निर्णय प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में मील का पत्थर साबित हो सकता है.

मर्जर से बेहतर शिक्षा की नींव

यूपी सरकार के इस निर्णय और हाई कोर्ट की मुहर से यह स्पष्ट हो गया है कि प्राथमिक शिक्षा में सुधार अब सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि जमीनी स्तर पर बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे. कम छात्र संख्या वाले स्कूलों का मर्जर संसाधनों के सही उपयोग, बेहतर शिक्षण व्यवस्था और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा की दिशा में एक मजबूत कदम है.

यह फैसला अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है, जहां शिक्षा में संसाधनों का अपव्यवस्थित उपयोग हो रहा है. उत्तर प्रदेश ने जो पहल की है, वह आने वाले समय में पूरे देश के शिक्षा ढांचे को नया आकार दे सकती है.

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UP News in Hindi उत्तर प्रदेश भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है, जहां 20 करोड़ से ज्यादा लोग रहते हैं. यह राज्य प्रशासनिक रूप से 75 जिलों और 18 मंडलों में बंटा हुआ है. इसकी राजधानी लखनऊ है. वर्तमान में यहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और योगी आदित्यनाथ लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद पर काबिज हैं. लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या, गोरखपुर, सीतापुर, इटावा, मथुरा, मुरादाबाद, मेरठ और बुलंदशहर जैसे शहर इसे पहचान देते हैं. देश की राजनीति में उत्तर प्रदेश की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है. अक्सर कहा जाता है कि देश की सत्ता का रास्ता यूपी से होकर ही जाता है. प्रदेश की हर बड़ी खबर सबसे पहले जानने के लिए जुड़े रहिए प्रभात खबर डिजिटल पर.

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