इतनी मिलेगी अनुदान राशि
संशोधित नीति के अनुसार, अब नई दुग्धशाला की स्थापना पर परियोजना लागत का 35 प्रतिशत अनुदान मिलेगा, जिसकी अधिकतम सीमा 5 करोड़ रुपये तय की गई है. पुराने डेयरी प्लांटों के आधुनिकीकरण के लिए भी यही प्रावधान लागू होगा, जिसमें 35 फीसदी की दर से अधिकतम 5 करोड़ रुपये तक की सहायता दी जाएगी. साथ ही पशुपोषण इकाइयों की स्थापना को भी बढ़ावा दिया जाएगा, जहां पशुओं के चारे आदि की बेहतर व्यवस्था के लिए 35 फीसदी तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा.
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डेयरी कारोबारियों को मिलेगा लाभ
उत्तर प्रदेश सरकार का मकसद है कि डेयरी उद्योग में निवेश बढ़ाया जाए और दुग्ध उत्पादन को बढ़ाकर राज्य की अर्थव्यवस्था और पोषण से जुड़ी जरूरतों को मजबूती दी जाएगी इसी को ध्यान में रखते हुए संशोधित नीति को ‘उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023’ के अनुरूप ढाला गया है, जिससे डेयरी कारोबारियों को भी अन्य खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों की तरह बराबरी के लाभ मिल सकें.
पशुपालकों को मिलेगा खास लाभ
कृषि विशेषज्ञों ने सरकार की इस पहल को सकारात्मक बताया है. उनका कहना है कि यह फैसला ग्रामीण इलाकों में आर्थिक मजबूती लाने में मदद करेगा और छोटे तथा मध्यम पशुपालकों को विशेष रूप से लाभ पहुंचेगा. योजना के तहत सरकार ने इच्छुक पशुपालकों से आवेदन आमंत्रित किए हैं, जिससे वे इस वित्तीय सहायता का पूरा लाभ उठा सकें.
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