इलाहाबाद हाई कोर्ट और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी का नाम क्या जाएगा बदला ? राज्यसभा में उठाई मांग….
इलाहाबाद का नाम आधिकारिक तौर पर 2018 में ही प्रयागराज हो गया था लेकिन आज भी इलाहाबाद हाइकोर्ट और इलाहाबाद युनिवर्सिटी का नाम क्यों नहीं गया बदला.
By Abhishek Singh | March 18, 2025 1:25 PM
इलाहाबाद हाई कोर्ट और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के नाम बदलने की मांग राज्यसभा में उठाई गई है.आप सांसद अशोक कुमार मित्तल ने कहा कि जब शहर का नाम प्रयागराज हो चुका है तो आखिर इन संस्थानों के नाम क्यों नहीं बदले जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि जब शहर का नाम प्रयागराज हो चुका है एवं अब इलाहाबाद को प्रयागराज नाम से दर्शाया जाता है तो आखिरकार अब इन संस्थानों के नाम भी बदले जाने चाहिए.उन्होंने संस्थानों एवं भवनों के ब्रिटिश काल में रखे गए नामों को बदलने की मांग की.
आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्य अशोक कुमार मित्तल ने सदन में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि भारत ने 200 वर्षों तक अंग्रेजों के अत्याचार सहे.आजादी के 70 वर्षों के बाद भी कई हाई कोर्ट, सड़कों, अस्पतालों, विश्वविद्यालयों और अन्य ऐतिहासिक इमारतों के नाम अभी भी अंग्रेजों के नाम पर क्यों हैं.उन्होंने कहा कि सरकार ने इस दिशा में काफी कदम भी उठाए हैं. राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ करने, भारतीय दंड संहिता का नाम बदलकर भारतीय न्याय संहिता करने जैसे उदाहरण दिए.अशोक मित्तल ने कहा क्या यह पर्याप्त है? अशोक मित्तल ने कहा कि उन्हें इस महाकुंभ प्रयागराज घूमने का अवसर प्राप्त हुआ.
इलाहाबाद शहर का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया गया परंतु इलाहाबाद विश्वविद्यालय और इलाहाबाद हाइकोर्ट का नाम और इलाहाबाद लोकसभा सीट आज भी इलाहाबाद के नाम से जानी जाती है.अशोक मित्तल ने कहा कि वह ब्रिटिश काल के नाम वाली इमारतों और संस्थानों के नाम बदलने के लिए राज्य सरकारों को भी पत्र लिखेंगे. उन्होंने उन संस्थाओं की पहचान करने के लिए एक संसदीय समिति गठित करने का भी सुझाव दिया जिनके नाम अभी भी ब्रिटिश काल से ही चले आ रहे हैं.
UP News in Hindi उत्तर प्रदेश भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है, जहां 20 करोड़ से ज्यादा लोग रहते हैं. यह राज्य प्रशासनिक रूप से 75 जिलों और 18 मंडलों में बंटा हुआ है. इसकी राजधानी लखनऊ है. वर्तमान में यहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और योगी आदित्यनाथ लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद पर काबिज हैं. लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या, गोरखपुर, सीतापुर, इटावा, मथुरा, मुरादाबाद, मेरठ और बुलंदशहर जैसे शहर इसे पहचान देते हैं. देश की राजनीति में उत्तर प्रदेश की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है. अक्सर कहा जाता है कि देश की सत्ता का रास्ता यूपी से होकर ही जाता है. प्रदेश की हर बड़ी खबर सबसे पहले जानने के लिए जुड़े रहिए प्रभात खबर डिजिटल पर.