गूगल ने Chrome ब्राउजर में जोड़ा Gemini Nano AI, फर्जी साइटों और नोटिफिकेशन से करेगा सुरक्षा
गूगल Gemini Nano AI को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह संभावित रूप से खतरनाक वेबसाइटों और नोटिफिकेशन का विश्लेषण कर सके. इससे यूजर्स को पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षा मिलेगी.
By Ankit Anand | May 9, 2025 4:57 PM
Gemini Nano AI: हर दिन हमें कई वेबसाइट्स से क्रोम ऐप पर नोटिफिकेशन मिलते हैं, लेकिन यह पहचानना मुश्किल हो जाता है कि कौन-सी नोटिफिकेशन भरोसेमंद है और कौन-सी स्कैम. कई स्कैमर इस फीचर का दुरुपयोग कर यूज़र्स को ठगने की कोशिश करते हैं. इसी खतरे को देखते हुए, गूगल ने एंड्रॉइड के लिए क्रोम में एक नया AI-पावर्ड चेतावनी फीचर लॉन्च किया है. यह फीचर ऐसे नोटिफिकेशन्स की पहचान करेगा जिनमें संदिग्ध या स्कैम जैसे पैटर्न मौजूद हों. इसके बाद यूजर्स को अलर्ट मिलेगा कि वे ऐसे नोटिफिकेशन को ब्लॉक करें या उनसे अनसब्सक्राइब हो जाएं। आइए विस्तार से जानते है गूगल के इस नए फीचर के बारे में.
Gemini Nano AI
गूगल ने एक नए ब्लॉग पोस्ट के जरिए डेस्कटॉप और एंड्रॉयड डिवाइसेज के लिए क्रोम ब्राउजर में एडवांस्ड सेफ्टी फीचर्स की घोषणा की है. टेक कंपनी ने बताया कि वह अब अपने ऑन-डिवाइस लार्ज लेंग्वेज मॉडल (LLM) Gemini Nano AI का इस्तेमाल ऑनलाइन स्कैम से लड़ने और यूजर्स की सुरक्षा के लिए कर रही है.
ब्लॉग में गूगल ने एक नए एआई-संचालित फीचर का भी जिक्र किया है, जो अनजान वेबसाइटों से आने वाले “भ्रामक, स्पैमयुक्त या खतरनाक नोटिफिकेशन्स” को पहचानने में सक्षम है. यह फीचर गूगल के ऑन-डिवाइस मशीन लर्निंग मॉडल की मदद से इन नोटिफिकेशन्स को फ्लैग करता है और यूजर्स को संभावित खतरे की चेतावनी देता है.
यूजर्स को मिलेगी दुगनी सुरक्षा
टेक कंपनी का कहना है कि क्रोम के एन्हांस्ड प्रोटेक्शन मोड के जरिए यूजर्स को फिशिंग हमलों से पहले से दोगुनी सुरक्षा मिल सकेगी. साथ ही, एआई मॉडल की मदद से रिमोट टेक्निकल सपोर्ट स्कैम्स पर भी रोक लगाई जा सकेगी. इसके अलावा, मालिशियस वेब नोटिफिकेशन से सुरक्षा देने के लिए भी अतिरिक्त उपाय किए गए हैं.