क्या है Loitering Munition तकनीक? जिसने बाज की तरह दुश्मन के ठिकानों का किया खात्मा
Operation Sindoor: Loitering Munition तकनीक हवा में ड्रोन की तरह मंडराते हुए पहले अपने दुश्मन को खोजता है और फिर उस पर खुद से गिरकर धमाका करता है. इस टेक्निक को कामीकाजे ड्रोन भी कहा जाता है. 6 मई को भारतीय सेना ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक करने के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल किया.
By Shivani Shah | May 7, 2025 10:57 AM
Operation Sindoor: पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर दिया. जिसमें पाकिस्तान-अधिकृत जम्मू-कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों को भारतीय सेना ने तबाह कर दिया है. भारत की तीनों जल, थल और वायु सेनाओं ने मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया है. वहीं, इस ऑपरेशन में सेनाओं ने एक खास तकनीक का इस्तेमाल किया है. जिसका नाम ‘Loitering Munition’ है. आइए जानते हैं इस टेक्नोलॉजी के बारे में कि आखिर क्या है ये तकनीक और कैसे इसने दुश्मनों को ढेर कर दिया है.
‘Loitering Munition’ को ‘कामीकाजे ड्रोन’भी कहा जाता है. यह ड्रोन जैसा दिखने वाला एक ऐसा हथियार है जो काम मिसाइल की तरह करता है. यह हले एक आम ड्रोन की तरह हवा में उड़ता है और दुश्मन के इलाके की निगरानी करता है. निगरानी करने के दौरान जैसे ही कोई दुश्मन नजर आता है वैसे ही उस पर यह ड्रोन खुद को ही दुश्मन के ऊपर तेजी से गिरा देता है और धमाका कर देता है. इस हथियार का सबसे बड़ा फायदा यह है कि सेना को खुद से दुश्मनों के इलाके में जाने की जरूरत नहीं पड़ती और किसी की जान का नुकसान भी नहीं होता. आसमान में मंडराने के कारण ही इस हथियार को Loitering कहा जाता है.
हथियार की खास बातें
Loitering Munition यानी कामीकाजे ड्रोन अपने लक्ष्य पर बिल्कुल सटीक निशाना बैठाकर उसपर हमला करता है.
इसके हमले से आम लोगों को नुकसान नहीं पहुंचता.
दुश्मन अगर चलती गाड़ी में है या फिर गाड़ी में छिपा हुआ है तो उस पर भी यह निशाना बना सकता है.
इसे सेना खुद भी कंट्रोल कर सकते हैं या फिर इसका इस्तेमाल ऑटोनॉमस तरीके से भी किया जा सकता है.
किसी भी सैनिक की जान खतरे में नहीं पड़ती.
‘ऑपरेशन सिंदूर’ में किया गया इस्तेमाल?
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी. जिसके बाद से ही भारत ने इस हमले का जवाब देने के लिए तैयारी शुरू कर दी थी. सेना, नौसेना और वायुसेना ने मिलकर इसके लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया. इस ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए खुफिया एजेंसियों की मदद से पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों की पहचान की गई. जिसके बाद 6 मई की आधी रात भारतीय सेनाओं ने भारत की सीमा में रह कर Loitering Munition जैसे खास तकनीकी हथियार की मदद से आतंकी ठिकानों को ढेर कर दिया. इस हमले में भारतीय सेना के निशाने पर जैश ए मोहम्मद (JeM) और लश्कर ए तैयबा (LeT) जैसे संगठन के बड़े नेता था. इस एयर स्ट्राइक में भारतीय सेना के निशाने पर कोई भी पाकिस्तानी सेना के ठिकाने नहीं थे. जिससे साफ है कि भारतीय सेना ने ये कार्रवाई सिर्फ आतंक के खिलाफ की है.