आपूर्ति श्रृंखला की मजबूती बेहद महत्वपूर्ण
राष्ट्रीय राजधानी के बाहरी इलाके में सेमीकॉन-2024 सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी की वजह से आपूर्ति श्रृंखला का महत्व सबके सामने आया है. साथ ही उन्होंने ऐसे किसी भी व्यवधान को रोकने के लिए कदम उठाने की जरूरत को रेखांकित किया. उन्होंने कहा, आपूर्ति श्रृंखला का जुझारूपन या मजबूती बेहद महत्वपूर्ण है. भारत अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में इसे बनाने के लिए काम कर रहा है.
चिप हर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा
कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान दुनिया को आपूर्ति संबंधी झटके देखने को मिले, क्योंकि चीन में महामारी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए उठाये गए कड़े कदमों ने उस देश से आयात पर निर्भर उद्योगों और क्षेत्रों को प्रभावित किया. इसकी वजह से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में चिप प्रमुख था, जो हर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
”दुनिया के हर उपकरण में भारत में बनी चिप हो”
प्रधानमंत्री ने भारत की सुधारवादी सरकार, स्थिर नीतियों व बाजार के बारे में भी बात की जिसने सेमीकंडक्टर विनिर्माण में निवेश के लिए मजबूत आधार तैयार करने को प्रौद्योगिकी का सहारा लिया है. उन्होंने कहा, हमारा सपना है कि दुनिया के हर उपकरण में भारत में बनी चिप हो. प्रधानमंत्री ने कहा, हम भारत को सेमीकंडक्टर क्षेत्र में महाशक्ति बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे.
”देश में चिप विनिर्माण के लिए तीन गुना ऊर्जा”
सेमीकंडक्टर विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि एक सुधारवादी सरकार, बढ़ता विनिर्माण आधार और प्रौद्योगिकी का रुख करने वाले आकांक्षी बाजार देश में चिप विनिर्माण के लिए थ्री-डी पावर (तीन गुना ऊर्जा) प्रदान करते हैं. उन्होंने कहा, आज का भारत दुनिया में भरोसा जगाता है. जब मुश्किलें आती हैं, तो आप भारत पर भरोसा कर सकते हैं.
”इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण का पूरा काम भारत में ही हो”
पीएम मोदी ने कहा कि सेमीकंडक्टर विनिर्माण में 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश पहले ही किया जा चुका है और कई परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र पर प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण का पूरा काम भारत में ही हो. उन्होंने कहा, आज भारत का इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र 150 अरब डॉलर से अधिक का है. इस दशक के अंत तक हम अपने इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र को 500 अरब डॉलर से अधिक पर पहुंचाना चाहते हैं. इससे 60 लाख रोजगार के अवसरों का सृजन हो सकता है. (भाषा इनपुट के साथ)
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