कैसे करें YouTube चैनल मोनेटाइज? कितने सब्सक्राइबर्स से बनेगा काम
क्या है मामला?
वीडियो प्लेटफॉर्म YouTube ने अपने Support Page में इस बात की जानकारी दी है. जिसमें कहा गया है कि, एक ही बार थोक में बनाए जाने वाले वीडियो या फिर एक ही तरह के कंटेंट को दोहराने वाले वीडियो की पहचान कर उनकी जांच की जाएगी. यूट्यूब का कहना है कि वह प्लेटफॉर्म शुरू से ही कंटेंट क्रिएटर्स से ऑरिजिनल और ऑथेंटिक कंटेंट की अपेक्षा करता रहा है.
मोनेटाइजेशन की कम हो जाएगी संभावना
YouTube के नए मोनेटाइजेशन पॉलिसी के तहत अब अगर कंटेंट क्रिएटर्स किसी और के कंटेंट का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो उन्हें अब उसमें बदलाव करना जरूरी होगा ताकि वह नया लगे. सिर्फ कॉपी-राइट और हल्की-फुल्की एडिटिंग कर वीडियो पोस्ट करना ऐसे कंटेंट क्रिएटर्स के लिए नुकसानदायक हो सकता है. इसके अलावा ऐसे वीडियो जो कम मेहनत से बनाए से गए हो या क्लिकबेट थंबनेल का इस्तेमाल सिर्फ व्यूज के लिए किया जा रहा हो तो अब उन चैनल्स की मोनेटाइजेशन की संभावना कम हो सकती है. वहीं, YouTube ने साफ तौर पर ये भी कहा है कि, किसी और के वीडियो पर AI की मदद से आवाज देकर रिएक्शन देना भी इस नई मोनेटाइजेशन पॉलिसी के तहत आ सकती है.
इन पर नहीं होगा पॉलिसी का असर
कंपनी कि मानें तो ऐसे तो बार-बार दोहराए जाने वाले कंटेंट नियमों का उल्लंघन नहीं कर रहे हैं. लेकिन इनसे प्लेटफॉर्म की क्वालिटी और व्यूअर एक्सपीरियंस को नुकसान पहुंच रहा है. इसलिए कंपनी ने नई मोनेटाइजेशन पॉलिसी बनाई है. जिसके तहत अब उन क्रिएटर्स के चैनल को ही मोनेटाइजेशन की सर्विस मिलेगी जिनका कंटेंट ओरिजिनल और ऑथेंटिक होगा. 15 जुलाई से ये गाइडलाइंस लागू हो जाएगी. ऐसे में क्रिएटर्स जो ऑरिजिनल कंटेंट डालते हैं, उन्हें इस नई मोनेटाइजेशन पॉलिसी की टेंशन लेने की जरूरत नहीं है.
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