80 साल बेमिसाल बच्चन: गांधी परिवार से बच्चन परिवार की निकटता और दूरी की पूरी कहानी

80 saal bemisaal bachchan: अमिताभ बच्चन का करियर शबाब पर था, तब अपने दोस्त राजीव गांधी के कहने पर फिल्मों से ब्रेक लेकर राजनीति में एंट्री की. ये बताता है कि राजीव और अमिताभ की दोस्ती कितनी गहरी रही होगी. ऐसा क्या हुआ कि इंदिरा गांधी के तीसरे बेटे की गांधी परिवार से दूरी इतनी बढ़ गयी?

By Mithilesh Jha | October 10, 2022 8:23 PM
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80 Saal Bemisaal Bachchan: अमिताभ बच्चन (Happy Birthday Amitabh Bachchan) के बारे में कहा जाता है कि देश की प्रधानमंत्री रहीं इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) उन्हें अपना तीसरा बेटा मानतीं थीं. यही वजह है कि ‘कूली’ (Coolie) फिल्म की शूटिंग के दौरान जब अमिताभ बच्चन (#80saalbemisaalbachchan) को पेट में गंभीर चोट लगी, तो इंदिरा गांधी ने अपना दौरा रद्द कर दिया था. यह बताता है कि गांधी परिवार में अमिताभ बच्चन की क्या अहमियत थी.

अमिताभ बच्चन का करियर जब शबाब पर था, तब उन्होंने अपने दोस्त राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) के कहने पर फिल्मों से ब्रेक लेकर राजनीति में एंट्री की थी. ये बताता है कि राजीव गांधी और अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan-Rajiv Gandhi Friendship) की दोस्ती कितनी गहरी रही होगी. लेकिन, ऐसा क्या हुआ कि इंदिरा गांधी के तीसरे बेटे (Third Son of Indira Gandhi) की गांधी परिवार से दूरी इतनी बढ़ गयी कि अब दोनों परिवार (गांधी और बच्चन परिवार) के लोग उसकी चर्चा भी नहीं करते? बेमिसाल बच्चन के 80वें जन्मदिन (80th birthday of amitabh bachchan) पर हम आपको बताते हैं कि आखिर कैसे गहरी दोस्ती में पड़ी दरार. किस वजह से खड़ी हुई दोस्ती के बीच दीवार.

दरअसल, गांधी और बच्चन परिवार के बीच राजनीति ने एक बड़ी दीवार खड़ी कर दी. ऐसी दीवार कि अब गांधी परिवार के आयोजनों में बच्चन परिवार को नहीं बुलाया जाता. बच्चन परिवार के घर गांधी परिवार का कोई नहीं जाता. राजीव गांधी के कहने पर अमिताभ बच्चन राजनीति के मैदान में तो उतर गये, लेकिन उस राजनीति ने उन्हें अपने दोस्त और देश के सबसे शक्तिशाली राजनीतिक परिवार से काफी दूर कर दिया.

कहते हैं कि बोफोर्स कांड में जान-बूझकर अमिताभ बच्चन का नाम डाला गया. इससे अमिताभ की जग में रुसवाई हुई और बेमिसाल बच्चन ने राजनीति को गुडबाय (Good Bye) कह दिया. लेकिन, दोस्ती की अहमियत को अमिताभ बच्चन ने कभी कम नहीं होने दिया. हाल ही में एक इंटव्यू में जब उनसे सवाल किया गया कि राजनीति छोड़ने के उनके फैसले की कीमत बच्चन और गांधी परिवार की दोस्ती को चुकानी पड़ी?

इस सवाल के जवाब में अमिताभ बच्चन ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि मैंने कोई कीमत चुकायी.’ अमिताभ बच्चन ने कहा कि दोस्ती कभी खत्म नहीं होती. बिग बी से जब यह पूछा गया कि वे गांधी परिवार से दोस्ती के बारे में क्यों बात नहीं करते, तो सीनियर बच्चन ने कहा, ‘आप दोस्ती के बारे में कैसे बात करते हैं? हमलोग दोस्त हैं.’

राजनीति में अमिताभ बच्चन के एक और बेहद करीबी दोस्त हुए. अमर सिंह. कांग्रेस पार्टी से राजनीति में एंट्री करने वाले अमिताभ बच्चन की इज्जत यूं तो सभी दलों के लोग करते हैं, लेकिन मुलायम सिंह यादव की पार्टी समाजवादी पार्टी (सपा) से उनका गहरा जुड़ाव रहा. अखिलेश यादव की सरकार के कई प्रचार अभियान का चेहरा अमिताभ बच्चन को बनाया गया. हालांकि, जया बच्चन के राज्यसभा सांसद होने के बावजूद अमिताभ बच्चन कभी समाजवादी पार्टी का हिस्सा नहीं बने.

समाजवादी पार्टी और अमिताभ बच्चन का रिश्ता सिर्फ विज्ञापनों तक ही सीमित रहा. बता दें कि अमिताभ बच्चन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एबीसीएल) की वजह से दिवालिया हो चुके बिग बी को अमर सिंह ने संकट से उबारा था. अमर सिंह की वजह से स्टार प्लस के रियलिटी शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में अमिताभ को एंकरिंग का मौका मिला और बच्चन अपना कर्ज चुका पाये. उनके परिवार की आर्थिक स्थिति फिर से सुदृढ़ हुई.

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