कैसे घटी घटना
मृतिका के श्वसुर दीनानाथ मिस्त्री ने बताया कि बहू घर की एकमात्र कमाउ महिला थी. घर में जलावन के लिए गैस, लकड़ी, कोयला नहीं था. इसलिए जलावन के लिए वह त्रिवेणी सैनिक के कोल माइंस में ओबी निकालने के दौरान कोयला चुनने गई थी. इसी दौरान कोयला के बड़े चट्टान के नीचे आने से दब गई. घटना का मुख्य कारण त्रिवेणी सैनिक के कोल डंपिंग एवं ओबी क्षेत्र में सुरक्षा कर्मियों की कमी बतायी जा रही है. इसलिए ग्रामीणों ने घटना के विरोध में बड़कागांव-हजारीबाग भाया कोल कंपनी के ट्रांसपोर्टिंग रोड को सड़क जाम कर दिया. सड़क के दोनों ओर लगभग एक किलोमीटर वाहन कतारबद्ध तरीके से खड़े रहे. सड़क जाम कर्ताओं ने बाराती एवं इमरजेंसी वाहनों को जाम से मुक्त रखा. घटना की सूचना पाकर विधायक अंबा प्रसाद, बड़कागांव मध्य पंचायत के मुखिया तकरिमुल्लाह खान, मुखिया संघ के प्रखंड अध्यक्ष रंजीत कुमार मेहता, उप प्रमुख बचन देव कुमार, प्रजापति कुम्हार संघ के अध्यक्ष प्रो गुरुदयाल प्रजापति, सचिव उमेश प्रजापति मृतिका के परिजनों को संत्वाना देने पहुंचे थे.
ग्रामीणों का आरोप
सड़क जाम करने वाले ग्रामीणों का कहना है कि हाईवा एवं कन्वेयर बेल्ट से कोयले की धुलाई के दौरान कोयले का डस्ट उड़ता रहता है. पेड़-पौधे काले दिख रहे हैं. आसपास के क्षेत्र के लोग प्रदूषण के शिकार हो रहे हैं. जिससे दिन प्रतिदिन क्षेत्र में दमा, सर्दी, खांसी जैसी बीमारियां बढ़ने लगी है. ग्रामीणों ने मृतिका के पति को मुआवजा एवं नौकरी, प्रदूषण की कमी, पानी के छिड़काव, पेड़- पौधे के रखरखाव एवं स्थानीय लोगों को रोजगार देने की मांग कर रहे थे.
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कानून का उल्लंघन कर हो रहा कोयला खनन : अंबा प्रसाद
इस मौके पर विधायक अंबा प्रसाद ने कहा कि कोल कंपनियां बड़कागांव और केरेडारी प्रखंड में कानून का उल्लंघन कर कोयला खनन कर रही है. यहां के लोगों को न उचित मुआवजा मिली है, न ही नौकरी. यहां के लोग शोषण, अत्याचार और प्रदूषण के शिकार हो रहे हैं. कहा कि विधानसभा में आवाज उठाकर एवं झारखंड सरकार केंद्रीय एजेंसियों से अवैध खनन को लेकर जांच करने की मांग की गई है. जब केंद्रीय एजेंसियों द्वारा जांच चल रही है, तो ऐसी परिस्थिति में कोयले का खनन नहीं होनी चाहिए.