इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वसीम रिजवी को जारी किया नोटिस, यह है वजह

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 22, 2021 7:47 PM
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Prayagraj News: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हाल ही में मुस्लिम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म स्वीकार करने वाले यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी (जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी) को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए वसीम रिजवी से जवाब मांगा है. याचिका पर चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने सुनवाई की. मामले में अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होगी.

इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष मुंबई स्थित संस्था ख्वाजा गरीब नवाज वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव मोहम्मद यूसुफ उमर अंसारी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से याचिका दाखिल की है. याचिका के माध्यम से अंसारी ने कहा कि वसीम रिजवी के खिलाफ 27 मुकदमे दर्ज हैं. इन सभी से बचने के लिए ही उन्होंने धर्म परिवर्तन किया है.

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मोहम्मद यूसुफ उमर अंसारी ने कोर्ट को बताया कि वसीम रिजवी के द्वारा धार्मिक उन्माद फैलाने के लिए लगातार विवादित बयान भी दिए जाते हैं, जिससे सामाजिक माहौल बिगड़ सकता है. याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने वसीम रिजवी से जवाब तलब किया है.

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गौरतलब है कि यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने 6 दिसंबर को इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया है. हिंदू बनने के बाद वसीम रिजवी ने अपना नया नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी रखा है. उन्होंने हिंदू धर्म गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर में यति नरसिंहानंद गिरी की उपस्थिति में स्वीकार किया. वसीम रिजवी के हिंदू धर्म स्वीकार करने पर काफी विवाद हुआ था. मुस्लिम धर्म के तमाम अनुयायियों ने उनके इस कदम का कड़ा विरोध किया था.

वसीम रिजवी 2004 में बने शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन

वसीम रिजवी शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद की सिफारिश पर 2004 में यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन बने. हालांकि, बाद में मौलाना कल्बे जव्वाद ने ही रिजवी का विरोध शुरू कर दिया. बाद में उनकी ही मांग पर शिया वक्फ बोर्ड में भ्रष्टाचार को लेकर 2017 में सीबीआईं जांच शुरू हो गई, जो अब भी जारी है.

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वसीम रिजवी के विवादित बयान

वसीम रिजवी ने क़ुतुबमीनार को लेकर दिए बयान में कहा था कि यह हिंदुस्तान की धरती का कलंक है. वहीं यूपी के मदरसों को आतंकवादियों की पनाहगार बताया था. यही नहीं, वसीम रिजवी ने कुरान की 26 आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने सुनवाई के बाद खारिज कर दिया. रिजवी की पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब पर लिखी किताब पर भी काफी विवाद हुआ था.

रिपोर्ट- एस के इलाहाबादी, प्रयागराज

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