अमित शाह ने ममता बनर्जी को लिखा पत्र, प्रवासी मजदूरों की अनदेखी करने का लगाया आरोप
कोलकाता : कोरोना वायरस मामले पर पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र सरकार के बीच मतभेद खुल कर सामने आ गया है. केंद्रीय पर्यवेक्षकों के बाद अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर प्रवासी मजदूरों के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए पत्र लिखा है. श्री शाह ने ममता बनर्जी पर प्रवासी मजदूरों के लिए चलायी जाने वाली श्रमिक ट्रेनों को मंजूरी नहीं देने का बड़ा आरोप लगाया है. श्री शाह ने पत्र में कहा है कि केंद्र सरकार प्रवासी मजदूरों को भेजने की व्यवस्था कर रही है, लेकिन बंगाल सरकार केंद्र सरकार का सहयोग नहीं कर रही है. पढ़िए अजय कुमार की रिपोर्ट.
By Prabhat Khabar Digital Desk | May 9, 2020 1:05 PM
कोलकाता : कोरोना वायरस मामले पर पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र सरकार के बीच मतभेद खुल कर सामने आ गया है. केंद्रीय पर्यवेक्षकों के बाद अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर प्रवासी मजदूरों के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए पत्र लिखा है. श्री शाह ने ममता बनर्जी पर प्रवासी मजदूरों के लिए चलायी जाने वाली श्रमिक ट्रेनों को मंजूरी नहीं देने का बड़ा आरोप लगाया है. श्री शाह ने पत्र में कहा है कि केंद्र सरकार प्रवासी मजदूरों को भेजने की व्यवस्था कर रही है, लेकिन बंगाल सरकार केंद्र सरकार का सहयोग नहीं कर रही है. पढ़िए अजय कुमार की रिपोर्ट.
केंद्र सरकार प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचा रही है. रेलगाड़ियों के माध्यम से अब तक लगभग दो लाख से ज्यादा मजदूरों को उनके गृह राज्य तक पहुंचाया जा चुका है, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार इस मामले में केंद्र को बिल्कुल सहयोग नहीं कर रही है, जबकि पश्चिम बंगाल में जो प्रवासी मजदूर हैं, वे अपने घर जाने के लिए बेहद व्याकुल हैं. मजदूरों के पश्चिम बंगाल से उनके घर और राज्यों तक पहुंचाने की व्यवस्था भी केंद्र सरकार द्वारा की गयी है, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार इस मामले में केंद्र को कोई सहयोग नहीं दे रही है जिसका बेहद दुख है. उन्होंने लिखा है कि पश्चिम बंगाल के प्रवासी श्रमिकों को दूसरे राज्यों से लेकर बंगाल पहुंचाने वाली श्रमिक रेलगाडि़यों को राज्य सरकार द्वारा अनुमति नहीं प्रदान की जा रही है. ऐसा करना पश्चिम बंगाल के श्रमिकों के साथ अन्यायपूर्ण होगा. यह पश्चिम बंगाल के प्रवासी श्रमिकों को कठिन परिस्थितियों में धकेल सकता है.