1992 में किया गया था पद्मश्री से सम्मानित
आशा पारेख को 1992 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. जानीमानी अभिनेत्री आशा पारेख ने हिंदी फिल्मों में अपनी एक्टिंग और अपने हाव-भाव से दर्शकों का खूब मन मोहा. एक जमाने में आशा पारेख की अदाओं का दीवाना हरकोई था. उन्होंने पंजाबी, गुजराती और कन्नड़ भाषाओं में भी अपने अभिनय का लोहा मनवाया. आशा पारेख ने ताउम्र शादी नहीं की. आशा पारेख का जन्म 2 अक्टूबर 1942 को गुजरात के एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था. वे भारतीय सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं.
अधिकतर फिल्में असफल होने के बाद टूट गया था मन
बताया जाता है कि जानेमाने निर्माता-निर्देशक बिमल राय ने एक कार्यक्रम में आशा पारेख का डांस देखा और बेहद प्रभावित हुए थे. उन्होंने आशा पारेख को फिल्म ‘बाप बेटी’ में काम करने का मौका दिया लेकिन फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं कर पाई. इसके बाद उन्होंने कई और फिल्मों में छोटे-मोटे रोल किये लेकिन अधिकतर फिल्में असफल ही रहीं. इससे निराश होकर उन्होंने एक्टिंग छोड़कर पढ़ाई पर फोकस किया. साल 1958 में आशा ने एक बार फिर फिल्म ‘फिर से’ में काम करने की सोची लेकिन विजय भट्ट ने मना कर दिया. बताया जाता है कि विजय भट्ट के मना करने के अगले ही दिन आशा पारेख को नासिर हुसैन की फिल्म का प्रस्ताव आया था.
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‘दिल देके देखो’ के से की वापसी
नासिर हुसैन की 1959 में आई फिल्म ‘दिल देके देखो’ से आशा पारेख को थोड़ी कामयाबी हासिल हुई और फिर उन्होंने अभिनय की ओर अपने कदम बढ़ा लिये. 1960 में उन्होंने नासिर हुसैन की फिल्म ‘जब प्यार किसी से होता है’ में काम किया जो सुपरहिट रही. आशा पारेश एक सफल अभिनेत्री के रूप में स्थापित हो गई. इस फिल्म के बाद नासिर हुसैन ने उन्हें अपनी और कई फिल्मों में लिया जो सुपरहिट रही. वो पिछले कुछ सालों में कई टीवी रियेलिटी शो में मेहमान के तौर पर नजर आ चुकी हैं.