कोर्ट से बाहर आते ही प्रभात खबर को फोन कर विनय ने कहा धन्य हैं प्रभु कि हम उनके काम आ सके.विनय ने बताया कि आज जीवन का वह संकल्प भी पूरा हो गया जो 1992 में लिया था. कुचायकोट प्रखंड के गोपालपुर परसौनी गांव के रहने वाले स्व रामचंद्र राय के पुत्र विनय राय को सीबीआइ कोर्ट ने बरी कर दिया. विनय की बुजुर्ग माता उमा देवी, पत्नी मैत्रेयी देवी,भाई आलोक कुमार राय, पंकज कुमार राय, भाभी सरिता रानी, सुमन , प्रियंका, स्मिता, उत्कर्ष और सक्षम की आंखों में खुशी की आंसू झलक आये.
कार सेवा के दौरान घायल हुए थे विनय
अयोध्या में कार सेवा के लिए गोपालगंज से विनय राय के साथ छवहीं के रहने वाले बच्चा सिंह बचनेश, ढ़ेबवा के शिक्षक सोमेश्वर मिश्र, विजय सिंह समेत तीन दर्जन लोग शामिल हुए थे. 6 दिसंबर 1992 को कार सेवा के दौरान विनय राय गंभीर रूप से घायल हो गये.
जब उनको होश आया, तो वे फैजाबाद अस्पताल में भर्ती थे. विनय राय को फैजाबाद जेल भेज दिया गया. नौ जनवरी 1993 को जमानत पर रिहा हुए.
अयोध्या कांड में बिहार का इकलौता अभियुक्त हैं विनय
लखनऊ जेल में ही सीबीआइ ने पूछताछ की. उसके बाद 40 लोगों के विरूद्ध केस दर्ज किया. जिसमें लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी के साथ विनय राय जो बिहार-झारखंड में इकलौता व्यक्ति हैं, आरोपित बनाया गया.
और किन्हें मिली राहत
आपको बता दें कि बिहार के विनय के अलावा बाबरी केस मस्जिद विध्वंस के अन्य मुख्य अभियुक्तों को भी राहत दी गयी है. विशेष अदालत ने फैसला सुनाते हुए पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, एमपी की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, बीजेपी के सीनियर नेता विनय कटियार समेत कुल 32 आरोपियों को बरी कर दिया है.
Posted By : Sumit Kumar Verma