लेकिन आश्चर्य की बात यह रही कि संयुक्त मोर्चा के गठन में अहम भूमिका निभाने वाले कांग्रेस के सांसद व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्य व विधानसभा में विरोधी दल के नेता अब्दुल मन्नान अनुपस्थित थे. इन दो नेताओं की अनुपस्थिति को लेकर लोग तरह-तरह की अटकलें लगा रहे थे.
294 सीटों में से 92 सीटों पर चुनाव लड़ रही कांग्रेस संयुक्ता मोर्चा का हिस्सा है। वामपंथी दल और भारतीय धर्मनिरपेक्ष मोर्चा इनकेअन्य घटक हैं। कांग्रेस ने जनता से वादा किया की राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त प्रशासन करना और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महिला पुलिस थानों की संख्या बढ़ाना।
कांग्रेस ने राज्य में सात औद्योगिक विकास केंद्र और आसनसोल और दुर्गापुर में इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण इकाइयों का वादा किया। कृषि के मोर्चे पर, पार्टी ने केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने का वादा किया है।घोषणा पत्र में डॉ. बिधान चंद्र रॉय की तस्वीर थी, जो राज्य के सबसे प्रसिद्ध मुख्यमंत्रियों में से एक थे, और नारा था “एबर अर फूल ना, ईबार कोनो भुल ना -इस बार कोई फूल नहीं, इस बार कोई गलती नहीं”. नारे में फूल भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस दोनों के प्रतीक हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर 4% तक गिर गया था, लेकिन यह अभी भी मालदा और मुर्शिदाबाद जैसे कुछ जिलों में एक महत्वपूर्ण कारक बना हुआ है।
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Posted By- Aditi Singh