इस शख्स का नाम शिवप्रकाश है, जो आरएसएस से भी जुड़े हुए है, और आरएसएस का प्रचार भी करते हैं. शिवप्रकाश का नाम बहुत कम लोग जानते हैं क्योंकि शिवप्रकाश खुद यह नहीं चाहते हैं. इससे उन्हें यह फायदा होता है कि वो कही भी आजादी से घूम सकते हैं. सुरक्षा का कोई खतरा नहीं होता है.
यहां पर उनके एक और साथी हैं. अरविंद मेनन. दोनों ने ही 2014 के बाद से बंगाल में बीजेपी की जड़ों को मजबूत करने का काम किया है. उन्हें उसी साल सक्रिय तौर पर पार्टी में जोड़ा गया था.लोकसभा चुनाव में उन्होंने बंगाल में काफी बेहतर कार्य किया था.
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पहली बार शिवप्रकाश 2015 में बंगाल आये थे. इसके बाद यहां की भाषा सीखी. यहां के राजनीतिक समीकरण को समझा. वो बताते हैं कि पिछले चार महीनों में वो सिर्फ दिल्ली गये हैं, जहां सिरफ पार्टी की बैठक में शामिल होते थे. पहली बार बंगाल आने के बाद शिवप्रकाश ने 17,500 शॉर्ट वर्कर बनाएं इसके अलावा 78000 बूथों के लिए कमिटियां बनायी.
शिवप्रकाश उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के हैं और वो ठाकुर परिवार से आते हैं. 1986 में उन्हें संघ का प्रचारक बनाया गया. इसके बाद सन 2000 में वो उत्तराखंड के प्रांत प्रचारक बनाये गये. फिर पश्चमी यूपी क्षेत्र के प्रचारक बनें. 2014 लोकसभा चुनाव में उन्हें बेहतर कार्य करने का इनाम मिला और वो बीजेपी के ज्वाइंट सेक्रेटरी बन गये. इसके बाद ओडिसा और फिर बंगाल में आकर जम गये.
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Posted By : Pawan Singh