मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए टीएमसी प्रवक्त कुणाल घोष ने आरोप लगाया कि पूर्व मेयर व भाजपा नेता शोभन चटर्जी चिटफंड कंपनी के वार्षिक सम्मेलन में शामिल हुए थे, जहां उन्होंने कंपनी का प्रचार किया. राजनीति से जुड़ा एक व्यक्ति किसी कार्यक्रम में जा सकता है, लेकिन सवाल यह है कि किसी कंपनी के आतंरिक कार्यक्रम में शामिल होकर उसका प्रचार किस इरादे से किया गया?
उन्होंने कहा कि केवल आइकोर चिटफंड घोटाला ही नहीं, बल्कि श्री घोष ने नारदा स्टिंग ऑपरेशन और सारदा चिटफंड घोटाले को लेकर भी श्री चटर्जी पर निशाना साधा है. उन्होंने दावा किया कि करोड़ों रुपये के सारदा चिटफंड घोटाले के मुख्य आरोपी सुदीप्त सेन ने मामले को लेकर जेल से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और CIB के निदेशक को 21 पन्नों की चिट्ठी लिखी है. कथित तौर पर अदालत ने चिट्ठी को केस रिकाॅर्ड के तौर पर जमा भी रखा है.
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श्री घोष ने बताया कि उन्हें उक्त चिट्ठी की सर्टिफाइड कॉपी अदालत की मंजूरी से मिल गयी है. उन्होंने कहा कि चिट्ठी में उस व्यक्ति के नाम का उल्लेख है, जिसे सेन से एक करोड़ रुपये मिले थे. उस व्यक्ति से पूछताछ होनी चाहिए, जिसके नाम का उल्लेख चिट्ठी में है.
उन्होंने यह सवाल भी किया कि नारदा स्टिंग ऑपरेशन व सारदा चिटफंड घोटाले के मामलों में यदि आइपीएस अधिकारी व पत्रकार गिरफ्तार किये जा सकते हैं, तो राजनीति से जुड़े उन लोगों की गिरफ्तारी क्यों नहीं हो रही है, जो मामलों के आरोपी हैं? इस मामले को लेकर पूर्व मेयर श्री चटर्जी से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गयी, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया.
Posted By : Samir Ranjan.