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इसी एमएसपी पर राज्य सरकारें किसानों से धान की खरीद करती हैं, लेकिन आरटीआइ करके देखा जा रहा है कि बंगाल में एमएसपी पर कुछ ही किसानों से धान की खरीद की गयी. अधिकतर से दलालों ने कम कीमत पर धान खरीदा. आरटीआइ में देखा गया है कि किसानों को नकद पैसे दिये गये, जबकि देने का नियम चेक से है.
कितने किसानों से कितना धान खरीदा गया, इस संबंध में कोई रिकॉर्ड राज्य सरकार के पास नहीं है. आरटीआइ से तथ्य विलंब से मिलने की बात कहते हुए विजयवर्गीय ने कहा कि राज्य में आरटीआइ से जानकारी निकालना बेहद कठिन है. पश्चिम बंगाल देश में इकलौता राज्य है, जहां आरटीआइ का जवाब नहीं दिया जाता. मौके पर विजयवर्गीय ने खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पिछले तीन चुनावों में उनकी संपत्ति में जबर्दस्त इजाफा हुआ है. नोटबंदी के दौरान उनके घरवालों ने करोड़ों की राशि बैंक में जमा करायी. उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार बनने के बाद इसकी जांच की जायेगी.
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Posted By: Aditi Singh