चुनाव आयोग ने शुभेंदु अधिकारी को नोटिस का 24 घंटे में स्पष्टीकरण देने को कहा है. बता दें कि, ममता बनर्जी के कभी खास रहे शुभेंदु अधिकारी चुनाव के कुछ समय पहले ही टीएमसी छोड़ कर बीजेपी में चले गये. पश्चिम बंगाल की सबसे हॉट सीट नंदीग्राम से सीधे ममता बनर्जी को टक्कर दिया.चुनाव आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से 29 मार्च को अधिकारी द्वारा दिये गये प्रासंगिक भाषण की एक प्रामाणिक प्रतिलेख प्रदान किया है और नोटिस में उपरोक्त खंडों पर भी प्रकाश डाला है.
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चुनाव के प्रभारी संवैधानिक प्राधिकारी ने उल्लेख किया कि चुनाव आयोग द्वारा जारी राज्य विधानसभा के संबंध में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन में उक्त धाराएं पायी गयी हैं. चुनाव एमसीसी के क्लॉज में कहा गया है कि उम्मीदवारों को अपने राजनीतिक विरोधियों के निजी जीवन की आलोचना करने से रोक दिया जाता है और ‘असत्यापित आरोप या विरूपण’ के आधार पर आलोचना करने से बचने की सलाह देता है. साथ ही कहा गया है कि ‘वोट हासिल करने के लिए जातिगत या सांप्रदायिक भावनाओं’ को अपील करना निषिद्ध है.
मस्जिदों, चर्चों, मंदिरों या अन्य पूजा स्थलों का उपयोग चुनाव प्रचार के मंच के रूप में नहीं किया जा सकता है, जो खंड में कहा गया है. शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ शिकायत भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) की सदस्य कविता कृष्णन ने दर्ज करायी थी. साथ ही कहा था कि उनका यह बयान एक कथित ‘घृणास्पद भाषण’ की है.
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Posted By: Aditi Singh