हितधारकों से राय-मशविरा करे. मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा खुद इस विषय को देख रहे हैं. इसे लेकर वह कानून मंत्रालय को डेढ़ महीने पहले एक नोट भी भेज चुके हैं. कानून मंत्रालय ने इसे विदेश मंत्रालय को भेज दिया है. आयोग सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने खुद विदेश सचिव से भी इस मसले पर बात की है.
विदेश सचिव का सुझाव है कि इस मसले पर आयोग के साथ बैठक कर व्यापक चर्चा की जानी चाहिए. लेकिन फिलहाल चुनावों के व्यस्त कार्यक्रम में ऐसा संभव नहीं है. इसलिए इन विधानसभा चुनावों में यह सुविधा उपलब्ध कराना संभव नहीं है. गौरतलब है कि निर्वाचन आयोग ने यह भी बताया कि इन विधानसभा चुनावों में तैनात हर कर्मचारी को कोविड-19 वैक्सीन लगायी जायेगी.
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यही नहीं, इन पांचों विधानसभा चुनावों में ऑनलाइन नामांकन की सुविधा दी जायेगी. कोरोना के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए मतदान के लिए एक घंटे का अतिरिक्त समय दिया गया है. इसके अलावा संवेदनशील इलाकों के मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था रखी गयी है.
चुनाव आयोग की गाइडलाइंस के मुताबिक अभी तक विदेशों में रह रहे प्रवासी भारतीय अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में वोट डालते रहे हैं. अनाधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक ऐसे वोटरों की संख्या सिर्फ 10 से 12 हजार के बीच है. हालांकि पिछले साल नवंबर में कानून मंत्रालय ने कहा था कि हम इटीपीबीएस सिस्टम को एनआरआइ मतदाताओं के लिए लागू कर सकते हैं. लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में फिलहाल निर्वाचन आयोग ने इस सुविधा को उपलब्ध कराने से इनकार किया है.
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Posted By- Aditi Singh