छठे फेज की वोटिंग और बड़े सियासी समीकरण, BJP-TMC के लिए इन मायनों में खास है आज का मतदान
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के छठे चरण की वोटिंग 22 अप्रैल को चार जिलों की 43 विधानसभा सीटों पर सुबह 7 बजे शुरू हो गई. पश्चिम बंगाल चुनाव के पहले पांच चरणों में हिंसक घटनाओं के बाद आयोग ने छठे फेज के लिए 900 से ज्यादा सुरक्षा बलों की कंपनियों की तैनाती की है. छठे फेज में सुरक्षा के तमाम उपाय किए गए हैं. कोरोना संकट के बीच नई गाइडलाइंस लागू की गई है. अगर छठे फेज की वोटिंग को देखें तो यह चरण सत्ताधारी पार्टी टीएमसी और सत्ता में आने को बेचैन बीजेपी के लिए सबसे बड़ी प्रतिष्ठा की लड़ाई बना हुआ है.
By Prabhat Khabar Digital Desk | April 22, 2021 7:49 AM
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के छठे चरण की वोटिंग 22 अप्रैल को चार जिलों की 43 विधानसभा सीटों पर सुबह 7 बजे शुरू हो गई. पश्चिम बंगाल चुनाव के पहले पांच चरणों में हिंसक घटनाओं के बाद आयोग ने छठे फेज के लिए 900 से ज्यादा सुरक्षा बलों की कंपनियों की तैनाती की है. छठे फेज में सुरक्षा के तमाम उपाय किए गए हैं. कोरोना संकट के बीच नई गाइडलाइंस लागू की गई है. अगर छठे फेज की वोटिंग को देखें तो यह चरण सत्ताधारी पार्टी टीएमसी और सत्ता में आने को बेचैन बीजेपी के लिए सबसे बड़ी प्रतिष्ठा की लड़ाई बनी हुई है.
छठे चरण में 22 अप्रैल को चार जिलों की 43 सीटों पर मतदान है. इसमें उत्तर दिनाजपुर की 9, नदिया की 9, उत्तर चौबीस परगना की 17 और बर्दवान की 8 सीटों पर वोटिंग है. चारों जिलों की लोकसभा सीटों (2019 में) पर बीजेपी, विधानसभा सीटों (2016 में) पर टीएमसी का कब्जा है. उत्तर दिनाजपुर की दार्जीलिंग, रायगंज, बालुरघाट लोकसभा सीट पर बीजेपी के सांसद हैं. 9 विधानसभा सीटों में से छह टीएमसी, एक कांग्रेस और एक पर फॉरवर्ड ब्लॉक के विधायक हैं.
नदिया जिले की दो लोकसभा सीट में एक पर तृणमूल कांग्रेस और एक पर बीजेपी ने जीत दर्ज की. जिले की 17 में 13 विधानसभा सीटों पर तृणमूल कांग्रेस, दो पर कांग्रेस और एक सीट पर बीजेपी और एक पर लेफ्ट का कब्जा है. उत्तर 24 परगना की दो लोकसभा सीट भी नदिया की तरह है. यहां की एक सीट पर बीजेपी और दूसरे पर टीएमसी के सांसद हैं. वहीं, 12 विधानसभा सीट में 9 पर टीएमसी, दो पर सीपीएम और एक पर बीजेपी के विधायक ने जीत हासिल की थी.
साल 2019 में पूर्व बर्दवान की लोकसभा सीट से टीएमसी के सांसद ने जीत दर्ज की थी. वहीं, बर्दवान जिले की दो सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. 22 अप्रैल को पूर्व बर्दवान जिले की 8 सीटों पर वोटिंग होगी. इसमें से सात विधानसभा सीटों पर साल 2016 के चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. वहीं, एक सीट पर लेफ्ट के विधायक ने जीत हासिल करने में सफलता पाई थी.
बंगाल चुनाव के पांच चरणों के मतदान के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी. चौथे चरण की वोटिंग के दौरान कूचबिहार के शीतलकुची में फायरिंग के कारण चार लोगों की मौत के बाद खूब हंगामा भी देखते को मिला था. आज भी शीतलकुची फायरिंग पर बीजेपी, टीएसमी और लेफ्ट गठबंधन बयानबाजी कर रहे हैं. शीतलकुची फायरिंग के बाद छठे चरण के मतदान के लिए चुनाव आयोग ने तगड़ी तैयारी कर रखी है. इसके बावजूद वोटिंग से पहले ही चुनावी हिंसा की घटनाएं सामने आने लगी थी. अब, देखना होगा इन सीटों पर वोटिंग प्रतिशत कितना होता है.