चतरा में एक भी CDPO नहीं, BDO के भरोसे कई परियोजनाएं, कई कार्य हो रहे हैं प्रभावित

चतरा में सीडीपीओ के नहीं रहने के कारण परियोजना का कार्य समय पर नहीं हो पाता है. सेविकाओं को काफी परेशानी होती है. समय पर आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण नहीं हो पाता है

By Prabhat Khabar News Desk | March 21, 2023 2:20 AM
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चतरा, दीनबंधु/तसलीम:

जिले में बाल विकास की छह परियोजना हैं, जि समें चतरा, सिमरिया, टंडवा, इटखोरी, हंटरगंज व प्रतापपुर शामिल हैं, जहां एक भी बाल परियोजना पदाधिकारी नहीं हैं. दो वर्षों से सीडीपीओ का पद रिक्त पड़ा है. सभी प्रभार पर चल रहा है. उक्त परियोजना में बीडीओ सीडीपीओ के प्रभार में हैं.

सीडीपीओ के नहीं रहने के कारण परियोजना का कार्य समय पर नहीं हो पाता है. सेविकाओं को काफी परेशानी होती है. समय पर आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण नहीं हो पाता है, जिसके कारण परियोजना का लाभ गरीब बच्चे, महिलाएं व किशोरियों को नहीं मिल रहा है. सेविकाएं वितरण में मनमानी करती हैं.

केंद्रों में पोषाहार व खिचड़ी की जगह बिस्कुट व चॉकलेट देकर खानापूरी की जाती है. कई प्रखंड की सेविकाओं द्वारा एक ही दुकान से वाउचर तैयार कर जमा किया जाता है और पैसे की निकासी कर ली जाती है. बीडीओ सीडीपीओ के प्रभार में रहने के कारण केंद्रों का निरीक्षण नहीं कर पाते हैं.

जिले में 35 सुपरवाइजर का पद है, जिसमें 12 प्रखंड में मात्र 18 सुपरवाइजर हैं, जिसके कारण सेविकाओं का बिल का निष्पादन समय पर नहीं हो पा रहा है. पोषाहार की राशि भुगतान में विलंब होता है. जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या 1124 है, जिसमें बड़ा आंगनबाड़ी केंद्र 965 व छोटा आंगनबाड़ी केंद्र 159 है, जिसमें 41 हजार 851 बच्चे अध्ययनरत हैं. इसके अलावा गर्भवती महिलाओं की संख्या 11 हजार 183, धातृ महिला 11 हजार 136 हैं. सेविका 1106 व सहायिका 944 हैं.

किस प्रखंड में कितने आंगनबाड़ी केंद्र :

चतरा 136, कान्हाचट्टी 76, हंटरगंज 185, प्रतापपुर 109, कुंदा 135, इटखोरी 75, गिद्धौर 41, मयूरहंड 59, पत्थलगड्डा 37, सिमरिया 139, लावालौंग 68 व टंडवा में 164 आंगनबाड़ी हैं.

ये कार्य हो रहे हैं प्रभावित :

आंगनबाड़ी केंद्र में टीएचआर, मुख्यमंत्री सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, पीएच मातृत्व वंदना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना कार्य प्रभावित हो रहा है. आइसीडीएस का उद्देश्य कुपोषण, स्वास्थ्य, बच्चे, गर्भवती व धातृ महिलाओं का विकास करना हैं. छोटे बच्चो को स्कूल पूर्व शिक्षा दी जाती है. टीएचआर के माध्यम से बच्चों को पोषाहार दिया जाता है.

सरकार को लिखा गया है पत्र: उपायुक्त

उपायुक्त अबु इमरान ने कहा कि सीडीपीओ के प्रभार में बीडीओ कार्य कर रहे हैं. पदाधिकारियों की कमी के बाद भी आइसीडीएस का बेहतर कार्य किया जा रहा है. कई योजनाओं में जिला राज्य स्तर पर पहले या दूसरे स्थान पर रहा है. सीडीपीओ की पदस्थापना को लेकर सरकार को पत्र लिखा गया है. समय-समय पर बैठक कर परियोजना के कार्यों की समीक्षा की जाती है. समय पर कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया जाता है.

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