दुर्गा अष्टमी और राम नवमी तिथियां (Durga Ashtami and Ram Navami Dates 2023)
इस वर्ष चैत्र दुर्गा अष्टमी 29 मार्च, बुधवार को है. जबकि रामनवमी 30 मार्च, गुरुवार को मनाई जा रही है.
दुर्गा अष्टमी और राम नवमी पूजा मुहूर्त (Durga Ashtami and Ram Navami Puja Timings)
द्रिक पंचांग के अनुसार, दुर्गा अष्टमी तिथि प्रारंभ 28 मार्च को शाम 7:02 बजे से शुरू
दुर्गा अष्टमी तिथि समाप्त 29 मार्च को रात 9:07 बजे तक.
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:42 बजे से 5:29 बजे (29 मार्च).
विजय मुहूर्त दोपहर 2:30 बजे से 3:19 बजे तक रहेगा (29 मार्च).
रवि योग 30 मार्च को रात 8:07 बजे से 6:14 बजे तक है (30 मार्च).
इस बीच, राम नवमी मध्याह्न मुहूर्त सुबह 11:11 बजे से दोपहर 1:40 बजे तक है और नवमी तिथि 29 मार्च को रात 9:07 बजे शुरू हो रही है और 30 मार्च को रात 11:30 बजे समाप्त हो रही है.
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राम नवमी शहर के अनुसार पूजा मुहूर्त ( Ram Navami 2023 City wise Puja Muhurat)
द्रिक पञ्चाङ्ग के अनुसार, रामनवमी का शहर के अनुसार पूजा मुहूर्त इस प्रकार है:
नई दिल्ली – सुबह 11:11 से दोपहर 1:40 बजे तक
पुणे – सुबह 11:26 से दोपहर 1:53 बजे तक
चेन्नई – सुबह 11:00 बजे से दोपहर 1:27 बजे तक
कोलकाता – सुबह 10:27 से दोपहर 12:55 बजे तक
हैदराबाद – सुबह 11:07 से दोपहर 1:34 बजे तक
अहमदाबाद – सुबह 11:30 से दोपहर 1:58 बजे तक
नोएडा – सुबह 11:11 से दोपहर 1:40 बजे तक
जयपुर – सुबह 11:17 से दोपहर 1:46 बजे तक
मुंबई – सुबह 11:29 से दोपहर 1:57 बजे तक
गुड़गांव – सुबह 11:12 से दोपहर 1:41 बजे तक
बेंगलुरु – सुबह 11:11 से दोपहर 1:38 बजे तक
चंडीगढ़ – सुबह 11:13 से दोपहर 1:42 बजे तक
दुर्गा अष्टमी और राम नवमी का महत्व (Durga Ashtami and Ram Navami Importance)
दुर्गा अष्टमी पर, चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन, हिंदू भक्त मां महागौरी की पूजा करते हैं – जिन्हें श्वेतांबरधरा भी कहा जाता है. देवी अपने भक्तों की सभी इच्छाओं को पूरा करने की शक्ति रखती हैं और उन्हें निर्भयता का आशीर्वाद देती हैं. जो लोग देवी की पूजा करते हैं, उन्हें जीवन में सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है. वह पवित्रता, शांति, ज्ञान और तपस्या का प्रतिनिधित्व करती हैं. चैत्र नवरात्रि का नौवां दिन या अंतिम दिन भगवान राम, विष्णु के सातवें अवतार और मां सिद्धिदात्री को समर्पित है. देवी को अपने भक्तों को कई सिद्धियों का आशीर्वाद देने के लिए जाना जाता है और उन्हें चार भुजाओं के साथ गदा, चक्र, शंख और कमल के फूल के साथ चित्रित किया गया है. वह सिंह की सवारी करती हैं.