Chhath Puja 2023: नहाय-खाय के साथ आस्था का महापर्व छठ पूजा आज से शुरू, जानें शुभ मुहूर्त-पूजा विधि
Chhath Puja 2023 Nahay Khay Live: आज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है. आज नहाय-खाय है. कल खरना होगी, इसके बाद छठ व्रत रखा जाएगा.
By Radheshyam Kushwaha | November 17, 2023 9:07 AM
Chhath Puja 2023 Nahay Khay: आस्था का महापर्व छठ पूजा आज 17 नवंबर दिन शुक्रवार से नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया. आज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है. आज नहाय-खाय है. कल खरना होगी, इसके बाद छठ व्रत रखा जाएगा. षष्ठी तिथि को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. सप्तमी को उगते सूर्य को जल अर्पित कर व्रत संपन्न किया जाता है. चार दिन चलने वाला इस पर्व में सूर्य और छठी मैय्या की पूजा की जाती है. आइए जानते है नहाय-खाय, खरना और छठ व्रत से जुड़ी पूरी जानकारी…
आज आस्था का महापर्व छठ पूजा का पहला दिन
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की आज चतुर्थी तिथि से आत्मशुद्धता, आत्मसंयम, आस्था, उपासना, भक्ति और स्वच्छता का महान पर्व छठ आरंभ हो गया. छठ का पहला दिन ‘नहाय-खाय’ कहलाता है यानी आहार और व्यवहार की शुचिता का दिन. आज कद्दू-भात का प्रसाद ग्रहण करते हैं. इसके साथ ही सूर्योपासना का चार दिनों का कठिन व्रत आरंभ हो जाता है. ज्योतिषाचार्य के अनुसार खरना छठ पूजा का दूसरा दिन होता है, इस साल खरना 18 नवंबर को है. इस दिन का सूर्योदय सुबह 06 बजकर 46 मिनट और सूर्यास्त शाम 05 बजकर 26 मिनट पर होगा. खरना के दिन व्रती एक समय मीठा भोजन करते हैं, इस दिन गु़ड़ से बनी चावल की खीर खाई जाती है. इस प्रसाद को मिट्टी के नए चूल्हे पर आम की लकड़ी से आग जलाकर बनाया जाता है.
रवियोग के सुयोग में मनेगा नहाय-खाय
ज्योतिष आचार्य राकेश झा नेकहा कि छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान शुक्रवार को कार्तिक शुक्ल चतुर्थी में पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, धृति योग, जयद योग व रवियोग के सुयोग में पहलेदिन नहाय-खाय से होगा. 18 को सर्वार्थ सिद्धि योग में व्रती खरना करेंगे. आज छठ पूजा की नहाय खाय परंपरा में व्रती नदी में स्नान के बाद नए वस्त्र धारण कर शाकाहारी भोजन ग्रहण करते हैं, इस दिन व्रती के भोजन ग्रहण करने के बाद ही घर के बाकी सदस्य भोजन ग्रहण करते हैं.
आस्था का महापर्व छठ पूजा आज नहाय-खाय के साथ शुरू हो गयी है. आज भक्त सूर्योदय से पहले नदी या जलस्रोत में स्नान करते हैं. स्नान के बाद वे घर लौटकर खुद के लिए एक विशेष भोजन तैयार करते हैं, जिसमें चावल, दाल और कद्दू शामिल होते हैं, इस भोजन को सूर्य देव को चढ़ाया जाता है और भक्त दिन भर उपवास करते हैं.