जमीन खरीदने वाले और बेचने वाले निराश होकर लौटे
जिला भूमि निबंधन कार्यालय परिसर में मौजूद कई जमीन विक्रेताओं ने बताया कि वे दूसरे राज्यों से जमीन रजिस्ट्री कराने आए थे. सोचा कि एक दिन में जमीन बेचकर वापस चले जाएंगे. लेकिन, परेशानी बढ़ गयी है. अब यहां कार्यालय में बताया जा रहा है कि आपके नाम से कोई जमाबंदी नहीं है. सबसे पहले आपको अपने नाम से जमाबंदी करनी होगी. विक्रेताओं ने कहा कि अगर उन्हें इन नियमों की जानकारी होती तो वे पूरी तैयारी से आते.
वहीं, जमीन खरीदने पहुंचे लोगों ने बताया कि जमीन बेचने वाले को तय राशि के अनुसार 90 प्रतिशत राशि दे चूका हूं. आज जमीन का निबंधन होना था. लेकिन नियम बदल जाने की वजह से रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है. निराश होकर वापस जा रहे हैं.
नए नियम से जमीन विवाद में भारी कमी आने की संभावना है. पहले रजिस्ट्री ऑफिस को किसी भी जमीन की रजिस्ट्री के दौरान उस पर आपत्ति करने का अधिकार नहीं था. विवाद बढ़ने पर मामला कोर्ट चला जाता था. जमीन कारोबार से जुड़े कुछ कारोबारी एक ही जमीन को कई लोगों को बेच देते थे. वहीं पूर्वज की जमीन बिना बंटवारे के बिक जाती थी. फिर आपसी विवाद होता था. लेकिन अब फर्जी भूमि निबंधन पर भी रोक लगेगी.
-निगम प्रकाश ज्वाला, जिला अवर निबंधक
पुरानी व्यवस्था से जमीन की रजिस्ट्री बंद
दरअसल, गुरुवार (22 फरवरी) को मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग द्वारा इस संबंध में एक पत्र जारी किया गया था. यह पत्र सभी जिले के डीएम सहित सभी प्रमंडलीय सहायक निबंधन महानिरीक्षक, सभी जिला अवर निबंधक व सभी अवर निबंधन को भेजा गया था. पत्र मिलने के बाद जमीन रजिस्ट्री के लिए निबंधन कार्यालय में जमा होने वाले आवेदन की तहकीकात की गयी और पुरानी व्यवस्था से जमीन की रजिस्ट्री बंद हो गई. अब खरीद बिक्री के लिए सिर्फ उन्हीं दस्तावेज को स्वीकृत किया जा रहा जिस जमीन की जमाबंदी विक्रेता के नाम से है.
क्यों बदला गया नियम
बताया गया कि शहरी क्षेत्र की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में हेरफेर कर जमीन की बिक्री अधिक हो रही थी. नए नियम के लागू होने के बाद से जमीन की फर्जी तरीके से बिक्री पर रोक लगेगी. पहले एक ही जमीन को कई लोगों के हाथ बेचने की शिकायत मिलती रही है. जमीन पर कब्जा को लेकर काफी विवाद के मामले भी होते रहे हैं.