Diwali 2023: धनतेरस के दिन भारत में इस मंदिर में दर्शन करने से होती है धन की बरसात, यकीन न हो तो जरूर जाएं

Dhanteras 2023: धनतेरस और दिवाली के पावन अवसर पर मां लक्ष्मी की पूजा बड़े ही धूम-धाम के साथ होती है. इस साल 10 नवंबर को धनतेरस मनाया जाएगा. इस मौके पर हम आपको बताएंगे धनतेरस पर एक ऐसी मंदिर के बारे में जिसके दर्शन मात्र से ही धन की बारिश होने लगेगी.

By Shweta Pandey | November 2, 2023 2:03 PM
an image

Dhanteras 2023: मां लक्ष्मी, हिन्दू धर्म के अनुसार धन, संपत्ति, सौभाग्य और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं. वह विष्णु की पत्नी हैं. धनतेरस और दिवाली के पावन अवसर पर मां लक्ष्मी की पूजा बड़े ही धूम-धाम के साथ होती है. इस साल 12 नवंबर को दिवाली का महापर्व मनाया जाएगा, और 10 नवंबर को धनतेरस मनाया जाएगा. इस मौके पर हम आपको बताएंगे धनतेरस पर एक ऐसी मंदिर के बारे में जिसके दर्शन मात्र से ही धन की बारिश होने लगेगी.

कहां है यह मंदिर

यह फेमस लक्ष्मी मंदिर राजस्थान में है. इस मंदिर का नाम कैला देवी मंदिर है, धनतेरस के दिन जो भी यहां दर्शन करता है उसके घर धन की कभी कमी नहीं रहती है.

कैला देवी मंदिर

बता दें कि कैला देवी मंदिर’ में मां लक्ष्मी की पूजा होती है. यह मंदिर राजस्थान के करौली जिला से करीब 24 किमी की दूरी पर है. यह मंदिर विदेशी सैलानियों के बीच भी काफी फेमस है. यह मंदिर त्रिकूट पर्वत पर विराजमान है.

क्या है कैला देवी मंदिर का इतिहास

दरअसल कैला देवी मंदिर का इतिहास काफी प्राचीन है. इस मंदिर का इतिहास एक हजार वर्ष पुराना बताया जाता है. लोगों का मानना है कि इसकी नींव महाराजा गोपाल सिंह ने रखी थी. वहीं कुछ लोगों का मानना है कि इसका निर्माण 1723 में शुरू हुआ था और करीब 1930 में बनकर यह पूरी तरह से बनकर तैयार हो गया था.

कैला देवी मंदिर की कथा

कैला देवी मंदिर की कथा बेहद ही खास है. बताया जाता है कि कैला देवी भगवान कृष्ण की बहन है. कहा जाता है कि जब कृष्ण का जन्म हुआ था तभी एक और लकड़ी का जन्म हुआ था, जो आगे चलकर कैला देवी के नाम से प्रसिद्ध हुई. बताया जाता है कि कंस कृष्ण को मारने के लिए पहुंचा और कैला देवी प्रकट हो गई. बता दें कि कैला देवी मंदिर पूरे भारत में फेमस है. धनतेरस पर यहां लाखों की संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version