मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने वीवो के चार व्यक्तियों को किया गिरफ्तार

लावा इंटरनेशनल कंपनी को उसकी प्रतिक्रिया के लिए भेजे गए एक ई-मेल का तत्काल जवाब नहीं मिल पाया है. भारतीय मोबाइल फोन निर्माता कंपनी लावा इंटरनेशनल स्मार्टफोन बाजार में 1-2 प्रतिशत हिस्सेदारी होने का दावा करती है.

By Agency | October 10, 2023 8:36 PM
feature

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो के खिलाफ धन शोधन की अपनी जांच के तहत लावा इंटरनेशनल मोबाइल कंपनी के प्रबंध निदेशक (एमडी), चीन के एक नागरिक, एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) और एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. आधिकारिक सूत्रों ने आज इस बात की जानकारी दी. इन चारों की पहचान लावा इंटरनेशनल मोबाइल कंपनी के प्रबंध निदेशक हरि ओम राय, चीनी नागरिक गुआंगवेन कयांग, चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन गर्ग और राजन मलिक नामक व्यक्ति के रूप में हुई है. इन चारों व्यक्तियों को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत हिरासत में लिया गया है.

भारतीय मोबाइल फोन निर्माता कंपनी लावा इंटरनेशनल स्मार्टफोन बाजार में 1-2 प्रतिशत हिस्सेदारी होने का दावा करती है

लावा इंटरनेशनल कंपनी को उसकी प्रतिक्रिया के लिए भेजे गए एक ई-मेल का तत्काल जवाब नहीं मिल पाया है. भारतीय मोबाइल फोन निर्माता कंपनी लावा इंटरनेशनल स्मार्टफोन बाजार में 1-2 प्रतिशत हिस्सेदारी होने का दावा करती है. एजेंसी ने वीवो और इससे जुड़े लोगों के ठिकानों पर पिछले साल जुलाई में छापा मारा था तथा चीनी नागरिकों एवं कई भारतीय कंपनियों की संलिप्तता वाले एक बड़े धन शोधन गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया था. ईडी ने तब आरोप लगाया था कि वीवो ने भारत में कर की अदायगी से बचने के लिए 62,476 करोड़ रुपये ‘अवैध रूप से’ चीन भेज दिए.

Also Read: Google और Apple भारत में मुश्किल में पड़े, बड़ा गंभीर है मामला
ईडी के अनुसार, यह पाया गया कि इन 23 कंपनियों ने वीवो इंडिया को भारी मात्रा में रुपये अंतरित किए

प्रमुख चीनी कंपनी वीवो पर यह कार्रवाई संघीय जांच एजेंसी के यह पाये जाने के बाद की गई है कि चीन के तीन नागरिक जो 2018-21 के दौरान भारत से चले गये थे और उस देश के एक अन्य व्यक्ति ने भारत में 23 कंपनियों को निगमित किया, जिसमें उन्हें सीए नितिन गर्ग ने भी कथित तौर पर मदद की थी. ईडी के अनुसार, यह पाया गया कि इन 23 कंपनियों ने वीवो इंडिया को भारी मात्रा में रुपये अंतरित किए. इसके अलावा, बिक्री से प्राप्त 1,25,185 करोड़ रुपये की कुल आय में से वीवो इंडिया ने 62,476 करोड़ रुपये या कारोबार का लगभग 50 प्रतिशत भारत से बाहर, मुख्य रूप से चीन भेज दिया.

इस कार्रवाई को चीनी कंपनियों पर नकेल कसने के केंद्र सरकार के प्रयास के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है

इस कार्रवाई को चीनी कंपनियों पर नकेल कसने के केंद्र सरकार के प्रयास के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है. ये कंपनियां यहां संचालित होते हुए कथित तौर पर धन शोधन करने और कर चोरी जैसे गंभीर वित्तीय अपराधों में लिप्त हैं. इस कदम को ऐसी कंपनियों और उनसे जुड़े भारतीय संचालकों पर निरंतर कार्रवाई किये जाने के रूप में भी देखा जा रहा है. पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों देशों के बीच तीन साल से सैन्य गतिरोध जारी रहने के बीच यह घटनाक्रम हुआ. वीवो ने 5 जुलाई, 2022 को ईडी की तलाशी के बाद कहा था कि वह जिम्मेदार कंपनी है और कानूनों का पूरी तरह अनुपालन करने के लिए प्रतिबद्ध है.

Also Read: OnePlus 11 5G पर 7 हजार रुपये तक की छूट के साथ फ्री में Buds Z2 पाने का मौका, पाएं ऑफर्स की पूरी जानकारी

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version